सुलेमसराय के व्यापारी की हत्या में नामजद हैं बसपा की पूर्व विधायक

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुलेमसराय के सर्राफा व्यवसायी ललित वर्मा हत्याकांड की जांच सीबीआइ को सौंप दी है। कोर्ट ने मामले की विवेचना कर रही पुलिस को पत्रावली सीबीआइ को सौंपने का निर्देश दिया है। यह आदेश जस्टिस एसके गुप्ता तथा जस्टिस राजीव मिश्र की खंडपीठ ने मृतक व्यवसायी ललित वर्मा के पिता विनोद कुमार की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।

चचेरे भाई को भी लगी थी गोली

याचिका पर अधिवक्ता रवीन्द्र शर्मा व खान दौलत खां ने बहस की। याची का कहना है कि व्यवसायी ललित वर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी गयी। हमले में चचेरे भाई विक्रम को भी गोली लगी। हत्या केस में बसपा की पूर्व विधायक पूजा पाल, मुकेश केसरवानी, राजेश त्रिपाठी, पृथ्वीपाल आदि को नामजद करते हुए प्राथमिकी दर्ज हुई। विवेचना के दौरान पुलिस ने घटना में गोली लगने से घायल मृतक के भाई विक्रम व दो अन्य को ही पारिवारिक रंजिश के चलते हत्या का आरोपी मानते हुए गिरफ्तार कर लिया। वह वर्तमान समय में इसी मामले में जेल में बन्द हैं। पुलिस पर नामजद आरोपियों को क्लीन चिट देने का आरोप लगाते हुए याचिका में निष्पक्ष जांच की मांग की गयी थी। याची का कहना था कि सिविल लाइन्स थाना पुलिस हत्यारों को बचा रही है और घटना की सही विवेचना न कर साक्ष्यों से छेड़छाड़ कर रही है। स्थानीय पुलिस से निष्पक्ष विवेचना की उम्मीद नहीं है। कोर्ट ने याचिका को मंजूर करते हुए घटना की जांच सीबीआइ को सौंपने का आदेश दिया है। घटना विशप जानसन कालेज के पीछे मोटरसाइकिल सवारों ने अंजाम दी थी।