साइकॉलोजिस्ट बनना चाहती है रम्या

मेरठ। ऑल इंडिया फोर्थ रैंक, रीजन में सेकेंड रैंक हासिल करने वाली व जिले की टॉपर रम्या कौशिक दीवान पब्लिक स्कूल के हयूमेनिटीज स्ट्रीम की हैं। रम्या ने 99 प्रतिशत अंक हासिल किए है। रम्या आगे चलकर साकॉलोजिस्ट बनना चाहती है। रम्या ने बताया कि उसे एक्टिंग का भी शौक है इसलिए वो थियेटर पर एक्ट्रेस का वर्क कर शौक भी पूरा करना चाहती है। रम्या के फादर सुशांत कौशिक बिजनेसमैन है और मदर डॉ। श्वेता कौशिक दीवान में ही फिजिकल एजुकेशन की टीचर है।

जब मन करता है पढ़ती हूं

रम्या ने बताया कि उसने इतने नंबर लाने के लिए पढ़ाई का दवाब नहीं लिया। जब मन हुआ तब ही पढ़ाई की। रम्या का मानना है कि पढ़ाई भले ही कम टाइम करो लेकिन फोकस करके पढ़ो तो सफलता मिलती है। रम्या ने बताया उसे क्लासिकल डांस का भी बहुत शौक है, इसलिए उसने अपने पेरेंट्स से रिजल्ट आने के बाद धुंघरु उपहार में मांगे है।

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रीजन में फिफ्थ रहा ऋषभ

दीवान पब्लिक स्कूल का साइंस स्ट्रीम के ऋषभ श्रीवास्तव ने 98.4 प्रतिशत अंक हासिल कर रीजन में फिफ्थ व जिले में सेकेंड रैंक हासिल किया है। ऋषभ के पिता कर्नल संदीप श्रीवास्तव जबलपुर में पोस्टेड है व मदर ऋतु टीचर है। ऋषभ का मानना है कि स्टडी को ज्यादा टाइम देने से फर्क नहीं पड़ता, फर्क पड़ता है फोकस करने पड़। भले ही कम समय दो लेकिन फोकस करके पढ़ो तो यकीनन सफलता मिलेगी।

इंजीनियर बनना है सपना

ऋषभ अपनी बहन संजरी को अपना आदर्श मानता है व अपनी बहन की तरह इंजीनियरिंग में ही अपना करियर बनाना चाहता है। ऋषभ ने बताया उसकी फ‌र्स्ट च्वाइस आर्मी थी, लेकिन कुछ फिजिकल प्रॉब्लम की वजह से नहीं कर पाया, अब वो इंजी करेगा। जिसके लिए ऋषभ ने अभी जेई मेंस व एडवांस का भी एग्जाम दिया है। उसे रिजल्ट की इंतजार है व कम्प्युटर इंजी करना चाहता है। ऋषभ ने बताया कि घर में पढ़ाई का बिल्कुल भी प्रेशर नहीं रहा मस्ती के साथ पढ़ाई की।

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रीजन के टॉप टेन में रहीं दिव्यांशी

दीवान पब्लिक स्कूल की दिव्यांशी अग्रवाल ने रीजन में नाइन व जिले में थर्ड रैंक हासिल की है। दिव्यांशी ने साइंस स्ट्रीम से 97.6 प्रतिशत अंक हासिल किए है। उसके पिता विजय आनंद अग्रवाल नगर निगम पार्षद व संयुक्त व्यापार संघ मंत्री है। मदर पारुल हाउस वाइफ है। दिव्यांशी की इस सफलता के लिए उसकी टीचर ने उसे शुभकामनाएं दी।

इंजीनियर बनने का है सपना

दिव्यांशी ने 97.6 प्रतिशत अंक हासिल किए है। दिव्यांशी व प्रियांशी दो टिवंस है, दोनों ही एक ही क्लास में है। दिव्यांशी की बहन प्रियांशी के उससे 4 प्रतिशत कम मा‌र्क्स है। दिव्यांशी ने बताया कि उसने इस सफलता के लिए रेगुलर स्टडी की है। उसने जेई मेंस व एडवांस भी दिया है। दिव्यांशी ने बताया कि उसको म्यूजिक सुनने व खेलने का बहुत शौक है। उसने बताया कि उसकी बहन प्रियांशी ने एक टाइम टेबल सेट किया था जिसके हिसाब से दोनों बहने साथ में ही पढ़ती थी।

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लीगल एडवाइजर बनना चाहूंगी- रिया सिंह

मेरठ। कला वर्ग से जिले में संयुक्त रूप से थर्ड टॉपर बनी रिया सिंह मूल रूप से गौसपुर चंदौली बनारस की हैं। उनके पिता राजीव सिंह जेपी इंस्टीट्यूट, मेरठ में कार्यरत हैं। मम्मी हाउस वाइफ हैं। छोटी बहन श्रेया है। रिया सुबह 3-4 बजे उठकर पढ़ाई करती थी। टीचर्स ने जो कमियां बताईं, उस पर पूरा ध्यान दिया। रिया ने अपनी सफलता के लिए मम्मी-पापा और स्कूल की टीचर्स को श्रेय दिया।

नहीं हारी हिम्मत

रिया आगे चलकर बीए-एलएलबी करना चाहती हैं। इसके बाद मल्टीनेशनल कंपनी में लीगल एडवाइजर बनना चाहती हैं। रिया का कहना है कि वह पापा को कभी बेटे की कमी नहीं महसूस होने देना चाहती। परीक्षा के दौरान रिया के दादा की मौत हो गई। उसके बाद भी उसने हिम्मत नहीं हारी और परीक्षा दी। रिया ने बताया कि उसे थ्रीलर मूवी और सीरियल देखना पसंद हैं।

अनुशासन से करें पढ़ाई

रिया का कहना है कि यदि जीवन में सफलता हासिल करनी है तो अनुशासन के साथ पढ़ाई करें। क्लास में रेगुलर एटेंडेंस होनी चाहिए। ट्यूशन की जगह सेल्फ स्टडीज पर पूरा जोर देना चाहिए। परीक्षा में प्रजेंटेशन पर विशेष ध्यान।