- सीबीएसई ने किसी भी वारदात से निबटने की गाइडलाइंस जारी

- हर स्कूल को स्ट्रिक्टली फॉलो करनी होंगी गाइडलाइंस

BAREILLY: पाकिस्तान के पेशावर में आतंकवादी वारदात में मासूमों की हत्या के बाद पूरे देश में स्कूलों की सिक्योरिटी को लेकर हाई अलर्ट कर दिया गया। सिक्योरिटी

बढ़ाने और मुस्तैद करने के लिए कई गाइडलाइंस भी जारी की गई। इस क्रम में सीबीएसई ने भी अपने सभी एफिलिएटेड स्कूल्स को किसी भी घटना से निबटने के लिए मुस्तैद रहने के निर्देश दिया है। बोर्ड ने ऐसे किसी भी टेररिस्ट अटैक से बचने के लिए स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) जारी किया है। इसके तहत अलग-अलग घटनाओं से निबटने के लिए स्कूल स्टाफ समेत बच्चों व सिक्योरिटी गा‌र्ड्स को कौन से नेसेसरी स्टेप्स उठाने हैं, उनकी पूरी डिटेल दी गई है। साथ ही बोर्ड ने इसके इंप्लिमेंटेशन के लिए स्कूल्स मैनेजमेंट को जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के भी सख्त निदर्1ेश जारी किए हैं।

होम मिनिस्ट्री ने किया है प्रिपेयर

स्कूल्स पर किसी भी टेररिस्ट अटैक से बचने के लिए सेंट्रल गवर्नमेंट की होम मिनिस्ट्री ने एसओपी तैयार किया है। होम मिनिस्ट्री से जारी आदेश के बाद बोर्ड ने सभी स्कूल्स को इसे फॉलो करने के निर्देश दिया है। इसमें बच्चों की किडनैपिंग, स्कूल के बाहर फायरिंग, स्कूल के अंदर कोई घटना, समेत कई तहर के वारदातों से निबटने के लिए गाइडलाइंस दिए गए हैं। यह पूरी तरह से एजूकेटिव नेचर है। ताकि स्कूल एडमिनिस्ट्रेशन हमेशा अलर्ट रहे और अपने अाप को प्रिपेयर रखें।

सुनिश्चित करनी होगी जिम्मेदारी

एसओपी में जो भी गाइडलाइंस दी गई हैं उनको फॉलो कराने की जिम्मेदारी स्कूल प्रिंसिपल्स को सौंपी गई है। उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि वे प्रोसीजर के अनुरूप एक्शन प्लान बनाएं और सभी स्टाफ व टीचर्स को उनकी जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाए। लोकल पुलिस के साथ मिलकर कंस्टीट्यूशनल गाइडलाइंस के तहत प्रिवेंटिव मेजर्स उठाने होंगे। स्कूल्स की सिक्योरिटी स्टाफ को हर वक्त अलर्ट रहना होगा। घटना की सूचना मिलने पर पैरेंट्स को क्या करना है और क्या नहीं इसकी पूरी गाइडलाइंस स्कूल्स को देनी होगी। लोकल पुलिस की मदद से पूरे स्कूल का फिजिकल सर्वे भी कराना होगा। ताकि वारदात के समय उन्हें लोकेशन की पूरी जानकारी हो। इसके साथ ही एक और जरूरी बात यह है कि समय-समय पर स्कूल मैनेजमेंट को स्टूडेंट्स, टीचर्स और स्टाफ के साथ मॉकड्रिल ऑर्गनाइज किया जाएगा।

हर वारदात का अलग एक्शन प्लान

एसओपी के तहत हर वारदात के लिए अलग एक्शन प्लान जारी किया गया है। जिसके तहत टीचर्स, स्टाफ, स्टूडेंट्स, पेरेंट्स, और सिक्योरिटी स्टाफ के लिए एक्शन प्लान तय किा गया है। पूरी डिटेल का प्रचार-प्रसार और ड्रिल कराने की जिम्मेदारी स्कूल अथॉरीटिज पर है। एग्जाम्पल के तौर पर यदि स्कूल के बाहर फायरिंग हो रही हो तो गेट पर कम से कम दो सिक्योरिटी गार्ड तैनात होने ही चाहिए। एक गार्ड की जिम्मेदारी होगी कि वह तुरंत सभी बच्चों मेन गेट के अंदर करे और दूसरा गार्ड बाहर खड़े सभी व्हीकल को तुरंत वहां से रवाना करवाए। गार्ड को चाहिए तुरंत लोकल पुलिस को फोन करे और अलार्म बेल बजाकर गेट को बंद करा दे। यदि कोई इंजर्ड हो तो तुरंत उसे हॉस्पिटल पहुंचाया जाए।

जरूरी प्रिंवेटिव मेजर्स

- हर स्कूल की कंक्रीट बाउंड्री वॉल में फ् से ब् गेट होने चाहिए। साथ ही कम से कम फ् सिक्योरिटी गार्ड ख्ब् घंटे तैनात होने चाहिए।

- लोकल पुलिस स्टेशन और कंट्रोल रूम के नम्बर कैंपस के विभिन्न जगहों पर डिस्पले होने चाहिए। सिक्योरिटी के लिए एक नोडल ऑफिसर भी नियुक्त करना होगा।

- मेन गेट पर सिक्योरिटी गार्ड को टेलीफोन कनेक्शन प्रोवाइड कराना होगा। इसके साथ ही सभी गार्ड को वॉकी-टॉकी से लैस करना होगा।

- मेन गेट समेत बाउंड्री वॉल पर सीसीटीवी कैमरे लगाना होगा। वहीं स्कूल ओपन होने से पहले सिक्योरिटी गार्ड को चाहिए कि वह कैंपस का अच्छी तरह निरीक्षण कर ले।

- स्कूल में अलार्म सिस्टम मस्ट है, ताकि किसी भी अनहोनी के वक्त उससे सभी को अलर्ट किया जा सके।

- कैंपस के अंदर सभी स्टूडेंट्स की एंट्री के बाद तब तक मेन गेट को बंद रखा जाए जब तक स्कूल का छूटने का समय न हो।

- नॉडल ऑफिसर और स्कूल मैनेजमेंट के पास कॉन्टेक्ट नम्बर्स समेत पूरी लिस्ट होनी चाहिए कि किस के पास कौन सी जिम्मेदारी है।

- सभी स्कूल व्हीकल्स को भी मॉक ड्रिल में शामिल करना होगा ताकि वारदात के बाद उन्हें क्या करना है और क्या नहीं करना होगा।

- लोकल पुलिस स्टेशन को ले आउट प्लान प्रोवाइड कराएं, ताकि उन्हें कैंपस के हर कोने की इंफॉर्मेशन हो।

- स्कूल में काम करने वाले सभी वर्कर्स के आईकार्ड होने जरूरी हैं। वहीं एंट्री के समय उनकी प्रॉपर सिक्यारिटी चेकअप जरूरी है।