री-एग्जाम वाली बात दिमाग से निकाल दें

पहले पेपर की तुलना में अक्सर कुछ स्टूडेंट री-एग्जाम में ज्यादा टेंशन में होते हैं। उन्हें लगता है कि पता नहीं इस बार पेपर कैसा होगा। जबकि हकीकत में उन्हें दिमाग से री-एग्जाम वाली बात निकाल देनी चाहिए। बिना तनाव के पेपर देने से ज्यादा अच्छा होता है।

इस तरह से करें री-एग्जाम की तैयारी

स्टूडेंट इकोनॉमिक्स री-एग्जाम से पहले जिन सवालों पर सबसे ज्यादा फोकस करना है उसकी एक लिस्ट बनालें। इसके बाद उन सभी सवालों को अच्छे से हल करें और उन्हें चेक करें। इससे पता चल जाएगा कि किस तरह के सवालों में और कहां पर गलती हो रही है।

 

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नए नोट्स बनाने की जरूरत नहीं होती

री-एग्जाम के लिए नए नोट्स बनाने की जरूरत नहीं होती हैं। इनमें वहीं नोट्स का रीवीजन करें जो पहले पेपर के बनाए थे। इससे फायदा ये होगा कि जो पहले से अच्छे से पढ़ा है उसकी अच्छे से तैयारी हो जाएगी। सैंपल पेपर हल करके भी तैयारी की जा सकती है।

पढाई करें लेकिन बीच में ब्रेक जरूर लें

री-एग्जाम से पहले पढाई करें लेकिन बीच में ब्रेक जरूर लें। सेहत और नींद दोनों का ख्याल रखें। इससे फिट महसूस करेंगे। रात में सोने जाने से पहले 30 मिनट पहले पढ़ाई करना बंद कर दें। वहीं इस बार भी पेपर अच्छा होगा अपने अंदर यह विश्वास बनाएं रखें।

एक दिन पहले ये डिटेल जरूर चेक कर लें

री-एग्जाम से पहले कॉलेज से या फिर संबंधित बोर्ड से जारी सूचनाओं से यह जानकारी जरूर हासिल कर लें कि पेपर का समय क्या होगा। एडमिट कार्ड से भी जुड़ी सारी जानकारी जुटा लें। वहीं हो सके तो स्टूडेंट एग्जाम सेंटर भी एक दिन पहले जाकर देख सकते हैं।

 

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