-बोर्ड ने स्कूल्स संचालकों के लिए जारी की गाइड लाइन

-स्कूल्स संचालकों को विकसित करना होगा इंफ्रास्ट्रक्चर

BAREILLY

स्पेशल स्टूडेंट्स को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए सीबीएसई ने पहल की है। सीबीएसई ने स्कूल्स संचालकों को स्पेशल स्टूडेंट्स के एडमिशन के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत स्कूल संचालकों को स्पेशल स्टूडेंट्स के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने और स्पेशल टीचर्स तैनाती करने का निर्देश दिया है। वहीं निजी स्कूल संचालकों ने सीबीएसई के इस कदम को सराहनीय बताया है।

आरटीई की तर्ज पर मिलेगी शिक्षा

सीबीएसई के संयुक्त सचिव डीटी सुदर्शन राव ने इस संबंध में गाइड लाइन जारी की है। इसके अनुसार देश के सभी केन्द्रीय विद्यालय और सीबीएसई बोर्ड से सम्बद्ध विद्यालयों में दिव्यांगों को अनिवार्य रूप से शिक्षा देनी होगी। इसके साथ ही स्कूल संचालकों को दिव्यांग स्टूडेंट्स की सहुलियत के मुताबिक ढांचा तैयार करना होगा। स्कूल्स में विकलांग बच्चों के लिए सहायक उपकरण के साथ ही उनके आवागमन और शैक्षणिक पद्धति को विशेष बच्चों की सुविधा अनुसार तैयार करना होगा। स्पेशल टीचर्स नियुक्त किए जाएंगे।

हॉस्टल व लाइब्रेरी की सुविधा

2020 तक सभी स्कूल्स संचालकों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि सीबीएसई बोर्ड के सभी स्कूल्स, हॉस्टल, लाइब्रेरी, लैब्स आदि बाधा मुक्त होने के साथ ही स्पेशल स्टूडेंट्स अनुरूप हो। वहीं विकलांगता पुनर्वास विशेषज्ञ अमरेश चन्द्रा पिछले कई वर्षो से सीबीएसई स्कूलों में दिव्यांगों को पढ़ाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। इस संबंध में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी को भी कई बार अवगत करवाया। इसके बाद केन्द्र सरकार और सीबीएसई ने दिव्यांगों के लिए ऐतिहासिक फैसला लिया है।

परिषदीय स्कूल में है व्यवस्था

बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय स्कूल्स में दिव्यांग को शिक्षित करने की व्यवस्था है। सर्व शिक्षा अभियान के तहत स्पेशल स्टूडेंट्स के दाखिले स्कूल में कराए जाते हैं। जहां उन्हें स्पेशल टीचर्स पढ़ाते भी हैं।