- स्पो‌र्ट्स में लगातार गिर रहे इंडिया के ग्राफ से सभी चिंतित

- यूजीसी ने इस प्रॉब्लम से निपटने के लिए सभी सेंट्रल, स्टेट और डीम्स यूनिवर्सिटीज के वीसी से मांगा प्रपोजल

- इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइड कराने के साथ ही कई एजुकेशनल कोर्सज भी स्टार्ट करने की यूजीसी ने प्लानिंग

GORAKHPUR : दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश, क्क्फ् साल से पार्टिसिपेशन और इंटरनेशनल ओलंपिक में महज ख्म् मेडल्स। इसमें भी हॉकी में अकेले क्क् मेडल्स। सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले इंडिया में इंटरनेशनल लेवल पर हॉकी ने थोड़ा लाज बचा ली, वरना इंडिया में टैलेंट की भरमार होने के बाद भी मेडल्स क्यों नहीं आ रहे हैं? यह एक अहम सवाल है। क्क्फ् साल के पार्टिसिपेशन और रिजल्ट को पीछे छोड़कर अब यूजीसी ने आगे सोचना शुरु कर दिया है। उन्होंने बेसिक लेवल पर ही खिलाडि़यों को बढ़ावा देने के लिए यूनिवर्सिटी लेवल पर अप्रोच करना शुरु कर दिया है। इसके लिए यूजीसी ने सभी वाइस चांसलर्स को लेटर भेजकर स्पो‌र्ट्स को बढ़ावा देने के लिए जरूरी सजेशंस मांगे हैं।

खराब होती जा रही है पोजीशन

भले ही इंडिया के स्पो‌र्ट्स परसन इंडिया के खाते में लगातार मेडल्स जुड़ रहे हों, लेकिन इंटरनेशनल लेवल पर इंडिया की पोजीशन अच्छी नहीं है। शुरुआती दौर की बात करें तो जहां क्9ख्8 में इंडिया व‌र्ल्ड में ख्फ्वीं पोजीशन पर था, वहीं ख्0क्ख् के लंदन ओलंपिक में भ्भ्वें पायदान पर जा लुढ़का। यूजीसी का मानना है कि एक तरफ जहां इंडिया और दूसरी फील्ड में बेस्ट परफॉर्म कर रहा है, वहीं खेलकूद के मामले में यह कई विकासशील देशों से पीछे है। यहां तक कि मौजूदा वक्त में स्पो‌र्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया, यूथ अफेयर्स और स्पो‌र्ट्स मिनिस्ट्री की लाख कोशिशों के बाद भी स्पो‌र्ट्स काफी पिछड़ा हुआ है।

सीईडीएस के लिए ग्रांट देगा यूजीसी

यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन स्पो‌र्ट्स को बढ़ावा देने के लिए काफी सीरियस है। देश में मौजूद टैलेंट को एक बेहतर प्लेटफॉर्म मुहैया कराने के लिए यूनिवर्सिटी इंडिया में मौजूद इंस्टीट्यूशंस में से भ् यूनिवर्सिटीज के फिजिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट को आइडेंटिफाई करेगा, जिन्हें सेंटर ऑफ एक्सिलेंस फॉर डेवलपमेंट ऑफ स्पो‌र्ट्स (सीईडीएस) के तौर पर डेवलप करेगा। इससे न सिर्फ यूथ को स्पो‌र्ट्स के लिए बेहतर प्लेटफॉर्म मिलेगा, वहीं स्पो‌र्ट्स इवेंट्स में खिलाडि़यों की भागीदारी भी बढ़ेगी और बेहतर होगी। इसके लिए यूजीसी इंफ्रास्ट्रक्चरल सपोर्ट के साथ ही इस परपज को सॉल्व करने के लिए ग्रांट भी देगी।

स्टूडेंट्स को मिलेगा डबल फायदा

एक तरफ जहां यूजीसी स्पो‌र्ट्स परसन को इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइड कराएगी, वहीं उसकी प्लानिंग उन्हें लिटरेट करने की भी है। उन्होंने स्पो‌र्ट्स में इंटरेस्ट रखने वाले स्टूडेंट्स के लिए फ‌र्स्ट डिग्री से लेकर रिसर्च तक की फैसिलिटी प्रोवाइड कराने की प्लानिंग कर ली है। स्टूडेंट्स को इससे सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि वह पढ़ाई के चक्कर में स्पो‌र्ट्स से अलग भी नहीं होंगे, वहीं उन्हें डिग्री भी मिल जाएगी। इतना ही नहीं स्पो‌र्ट्स परसंस के लिए वोकेशनल प्रोग्राम्स के तौर पर सर्टिफिर्केट और डिप्लोमा कोर्सेज भी स्टार्ट करने की प्लानिंग यूजीसी ने की है। इसके लिए सेंट्रल यूनिवर्सिटी के साथ डीम्ड, स्टेट यूनविर्सिटीज से भी प्रपोजल मांगे गए हैं।

यह है उद्देश्य -

- स्पो‌र्ट्स परसन की जरूरत के मुताबिक उन्हें इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइड करना।

- खेल से जुड़े लोगों के प्री-कॉम्प्टीटिव इवैलुएशन के लिए साइंटिफिक बैकअप प्रोवाइड कराना।

- खेल में ट्रेंड ह्यूमन रिसोर्स का एक बड़ा संघ बनाना और ट्रेनिंग कोचेज को प्लेटफॉर्म मुहैया कराना।

- स्पो‌र्ट्स और स्पो‌र्ट्स साइंस की फील्ड में मल्टी डिसिप्लिनरी रिसर्च के लिए प्लेटफॉर्म मुहैया करना।

- जनरल पब्लिक के लिए हेल्दी लिविंग और वेलनेस के लिए पब्लिक एजुकेशन प्रोग्राम स्टार्ट करना।

- खेल से जुड़े लोगों और सोसाइटी के लिए एकेडमिक प्रोग्राम्स में एक्सिलेंस प्रोवाइड करना।

- इंडिया और एब्रॉड में मौजूद हायर लर्निग इंस्टीट्यूट्स/नेशनल लेबोरेटरीज के साथ नेटवर्किंग और कोलैबरेशन करना।

- स्पो‌र्ट्स साइंस की फील्ड में देश में उपलब्ध जानकारी के एक भंडार के रूप में सेवा प्रदान करना।

स्पो‌र्ट्स को बढ़ावा देने के लिए यूजीसी की यह पहल काफी सराहनीय है। इससे निश्चित तौर पर खिलाडि़यों को काफी फायदा मिलेगा। जिससे देश नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर इंडिया का डंका बजेगा।

- डॉ। हर्ष कुमार सिन्हा, प्रेसिडेंट, स्पो‌र्ट्स काउंसिल, डीडीयूजीयू

स्पो‌र्ट्स को बढ़ावा देने के लिए यूजीसी ने काफी अच्छा कदम उठाया है। इससे खिलाडि़यों को सपोर्ट मिलेगा, वहीं खेल की क्वालिटी सुधारने में भी काफी हेल्प मिलेगी।

- अली सईद, ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट