- पब्लिक स्कूलों की फीस को लेकर जारी की गई गाइडलाइन

- स्कूलों को किया अलर्ट, नियम न मानने पर होगी कारवाई

आई स्पेशल, स्वाति भाटिया

मेरठ- अब सीबीएसई पब्लिक स्कूलों की मनमानी पर लगाम कसने के लिए नई कवायद शुरू करने वाली है। जल्द ही इसके संबंध में नई गाइडलाइन जारी होने वाली है। सीबीएसई ने इसके लिए स्कूलों को पहले ही अलर्ट कर दिया है कि वो इस नई गाइडलाइन को मानने के लिए तैयार हो जाए। गाइडलाइन स्कूलों की फीस को लेकर जारी होगी।

कब बढ़ानी है फीस

सीबीएसई के अनुसार अक्सर स्कूल महंगाई के कारण बढ़ते खर्चो का सहारा लेकर फीस बढ़ा देते हैं। इसमें नियम और मानकों की सरेआम अनदेखी होती है। सीबीएसई मानती है कि इस पर लगाम कसना बहुत अवश्यक है, क्योंकि ये पेरेंटस के हित में नहीं है। ऐसे में सीबीएसई अब खुद तय करेगा कि किस समय स्कूलों को फीस बढ़ाने की अवश्यकता है और कितनी फीस बढ़ाने की अवश्यकता है।

बताया जाएगा मानक

सीबीएसई अब स्कूलों की फीस का मानक तय करेगा। अगर स्कूलों में फीस बढ़ाई गई है और तो वो क्लास वाइस कितनी अधिक बढ़ाई जा सकती है। इसके साथ ही एक मानक तय किया जाएगा कि क्लास वाइज इससे आगे फीस नहीं बढ़ाई जा सकती। अगर कोई मानक से आगे जाकर फीस बढ़ाएगा तो उसपर खुद सीबीएसई लगाम लगाएगा।

सीबीएसई पर सवाल

जानकारी में डाल दे कि सीबीएसई के पास पिछले एक साल में देशभर के स्कूलों से ऐसे 40 से अधिक लेटर आ चुके हैं, जिनमें पेरेंट्स ने सीबीएसई की कार्रवाई को लेकर सवाल खड़े कर दिए है। जिनमे पेरेंट्स ने सीबीएसई से सवाल किया है कि आखिर वो स्कूलों की मनमानी पर लगाम क्यों नहीं कस पाते है। इसी का संज्ञान में लेकर ये गाइडलाइन बनाने की तैयारी की है।

कुछ स्कूल हैं जो मनमानी करते हैं, इस गाइडलाइन से स्कूलों पर लगाम लगाने में आसानी होगी। ये बहुत अच्छा फैसला है।

-राहुल केसरवानी, सहोदय सचिव।

क्या कहते हैं पेरेंट्स

स्कूलों की मनमानी पर लगाम कसने के सभी दावे करते हैं। असलियत में कोई इन पर कार्रवाई नहीं करता।

-मीनू

अगर लगाम कसनी ही है तो वास्तव में कसी जाए। न कि कागजी कार्रवाई कर खानापूर्ति की जाए। कागजों में तो हर कोई कार्रवाई कर देता है।

-रेनू

अक्सर इस तरह के गाइडलाइन व सर्कुलर सीबीएसई जारी करता है। लेकिन इन पर अमल करने में सीबीएसई खुद ही फिसड्डी है।

-विनेश तोमर

सीबीएसई अपने निकाले हुए सर्कुलर व गाइडलाइन खुद ही भूल जाता है। इसलिए पेरेंट्स को इनसे कोई फायदा नहीं है।

-संदीप