- स्मार्ट सिटी योजना के तहत चौराहों पर लगेंगे कैमरे जो पहचान लेंगे वाहनों के नंबर

- तीन से ज्यादा बार ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले वाहन चालकों का रद कराया जाएगा ड्राइविंग लाइसेंस

सड़क चलते आपको कई बार ऐसे लोग मिल जाएंगे जो ट्रैफिक नियमों को तोड़ना अपनी शान समझते हैं। रेड लाइट जम्प करना, नो-पार्किंग में पार्किंग, रांग साइड या रैश ड्राइविंग जैसे कारनामे करते हैं। बार-बार और जानबूझकर नियम तोड़ने वाले ऐसे लोगों को ऑफेंडर कहते हैं। मगर अब चौराहों पर ऐसे कैमरे लगेंगे जो गाड़ी के नंबर को पहचान लेंगे। ये ऑटोमैटिक चालान तो करेंगे ही तीन बार से ज्यादा रूल्स तोड़ने पर रिपोर्ट देंगे और ट्रैफिक पुलिस ऐसे लोगों के ड्राइविंग लाइसेंस रद कर देगी। शहर में कैमरे लगाने और कंट्रोल रूम बनाने का काम शुरू हो चुका है।

61 चौराहों पर कैमरे

स्मार्ट सिटी योजना के तहत बनारस के 61 चौराहों पर ऐसे चार-चार इंटरनेट प्रोटोकॉल कैमरे लगाए जाने हैं। इनमें 40 चौराहों पर सॉफ्टवेयर बेस्ड कैमरे होंगे। यह ट्रैफिक रूल्स तोड़ने वाले वाहनों के नंबर का डेटाबेस से मिलान कर वाहन मालिक का पता लगा लेंगे। इसके बादउसके घर चालान भेजा जाएगा।

हो सकता है लाइफ टाइम बैन

चालान के साथ ही ट्रैफिक पुलिस के डेटाबेस में इन वाहनों के नंबर फीड होते जाएंगे। इनके तीन बार से ज्यादा पकड़े जाने पर कंट्रोल रूम में लगे सर्वर उस वाहन नंबर को 'ऑफेंडर' करार दे देंगे। ट्रैफिक पुलिस इनके लाइसेंस रद करने के लिए परिवहन विभाग को रिपोर्ट दे देगी। चेतावनी के तौर पर लाइसेंस सस्पेंड किया जा सकता है मगर बार-बार रिपोर्ट मिलने पर ऐसे वाहन चालकों पर लाइफ टाइम बैन भी लगाया जाएगा।

जाम के दिन का भी होगा एनालिसिस

सॉफ्टवेयर बेस्ड कैमरों की मदद से ट्रैफिक पुलिस अपना नया डेटाबेस तैयार करेगी। इसमें शहर में वाहनों की संख्या, चौराहों पर दिन विशेष पर जाम की स्थिति का भी पता चल जाएगा। इसकी मदद से यह भी पता चलेगा कि किस इलाके में किस दिन या किस समय जाम लगता है। इनके अलावा 105 चौराहों पर सर्विलांस कैमरे भी लगाए जाएंगे जो क्राइम कंट्रोल में मददगार होंगे।

तरकश के नए तीर

- 105 चौराहों पर सर्विलांस कैमरे, जो दिन-रात निगरानी करेंगे

- 61 चौराहों पर हर दिशा में लगेंगे इंटरनेट प्रोटोकॉल कैमरे

- 24 चौराहों पर सॉफ्टवेयर बेस्ड नंबर प्लेट रिकॉग्निशन कैमरे

16 चौराहों पर रेड वॉयलेशन कैमरे जो नंबर प्लेट भी पहचानेंगे

6 नोडल कंट्रोल रूम और एक मास्टर कंट्रोल रूम जो तैयार करेंगे नया डेटाबेस

शहर का ट्रैफिक सिस्टम सुधारने के लिए यह अत्याधुनिक कैमरे मददगार होंगे। कोशिश की जाएगी कि नियम तोड़ने वालों को सुधरने का मौका दिया जाए, नहीं तो चालान के अलावा उनका लाइसेंस भी निरस्त किया जाएगा।

सुरेश चंद्र रावत, एसपी ट्रैफिक