- जिला अस्पताल इमरजेंसी का सीसी टीवी कैमरा फेल, डेढ़ साल से खराब पड़ा है सीसी टीवी कैमरा

- अस्पताल प्रशासन ने खराब कैमरा ठीक कराने की नहीं उठा जहमत

- घटना को रोकने के लिए लगाया गया था कैमरा

केस 1- जिला अस्पताल में इलाज कराने पहुंची बस्ती निवासी युवती के साथ नशे में धुत्त हेल्थ कर्मी ने ही छेड़छाड़ की थी। घटना बधुवार की देर रात इमरजेंसी में हुई। इसके बाद तीमारदारों ने वार्ड में जमकर हंगामा किया था। तीमारदारों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी थी। केस दर्ज करने के बजाए पुलिस ने तीमारदारों पर समझौता करने का दबाव बनाया था। पीडि़ता का इलाज अस्पताल में चल रहा है।

केस-2 जिला अस्पताल के इमरजेंसी में बुधवार की रात एक महिला अपने पति को इमरजेंसी में भर्ती किया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इसके बाद नशे में धुत्त हेल्थ कर्मी ने महिला के साथ अभद्रता की और पांच सौ रुपए भी ले लिए। इसकी शिकायत उसे किसी से भी नहीं की लेकिन अस्पताल में यह चर्चा का विषय बना रहा।

GORAKHPUR: जिला अस्पताल की इमरजेंसी में लगा सीसीटीवी कैमरा सिर्फ दिखावा भर बनकर रह गया है। आए दिन घटनाएं हो रही है, लेकिन यह पुलिस और इनवेस्टिगेशन ऑफिसर्स की मदद करने में पूरी तरह फेल हो गया है। हालत यह है कि सीसीटीवी कैमरे को सबूत और गुनाहगार को पकड़ने के तौर पर इस्तेमाल करने की चाह रखने वाले जिम्मेदार अधिकारी को घटना के लिए सबूत जुटाने में मशक्कत करनी पड़ रही है। वहीं दूसरी ओर इसकी वजह से अपराधियों और मनचलों के हौंसले बुलंद हो गए हैं और लगातार छेड़खानी की घटनाएं हो रही हैं। अभी दो दिन पहले ही एक हेल्थकर्मी ने महिला के साथ छेड़छाड़ की थी, आरोप के बाद इसकी जांच चल रही है।

एक साल से खराब है कैमरा

जिला अस्पताल में डेढ़ साल पहले इमरजेंसी में एक सीसीटीवी कैमरा लगाया गया। कोई भी गड़बड़ी न हो और साथ ही डॉक्टर्स या मरीजों के साथ कोई अभद्र व्यवहार न कर सके। अगर घटना हो भी जाए तो आरोपियों की आसानी से पहचान हो जाए, इन सब बातों को ध्यान में रखकर इन सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था की गई, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही से सारी व्यवस्था फेल हो गई है। कैमरा लगने के कुछ दिन बाद ही खराब हो गया, लेकिन अस्पताल प्रशासन इसे ठीक कराने की जहमत नहीं उठा सका।

होती रहती है घटनाएं

जिला अस्पताल में अक्सर डॉक्टर्स और मरीजों के विवाद, वाहन चोरी, पॉकेट मारने की घटनाएं होती रहती है। इससे निपटने के लिए कैमरे लगवाए गए, लेकिन यह बेमायने हो हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने शनिवार की दोपहर इमरजेंसी में लगे कैमरे की पड़ताल कि तो पता चला कि वह पिछले डेढ़ साल से खराब पड़ा है। जबकि पूर्व एसआईसी के कार्यकाल में ही यह कैमरे लगवाए गए थे। कैमरा खराब होने की वजह से हेल्थ कर्मी की करतूत का पता नहीं चल पा रहा है। मौके पर मौजूद एक कर्मचारी से जब सीसीटीवी कैमरे के बारे में बातचीत की गई तो उनका कहना था कि पहले ही अस्पताल प्रशासन को पत्र लिखा जा चुका है।

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तीन सदस्यीय कमेटी कर रही जांच

इमरजेंसी में घटना की रात ड्यूटी पर तैनात इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर ने एसआईसी को घटनाक्रम की लिखित रिपोर्ट सौंप दी है। उधर, एसआईसी ने डॉ। केएम सिंह के नेतृत्व में तीन डॉक्टर्स की जांच समिति गठित कर दी है। टीम मामले की जांच में जुटी है।

इमरजेंसी में दो नए सीसी टीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इसके लिए डिमांड भेजी जाएगी। कमेटी की जांच रिपोर्ट का इंतजार है। रिपोर्ट मिलते ही डीएम को सौंप दी जाएगी। दोष सिद्ध होने पर संबंधित पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

- डॉ। राज कुमार गुप्ता, एसआईसी जिला अस्पताल