RANCHI: रिम्स के लैब में जगह की कमी है। यह टिप्पणी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) की तीन सदस्यीय टीम ने सोमवार को की है। इससे पहले झारखंड के गवर्नमेंट हास्पिटल्स में पैथोलॉजी लैब की स्थिति में सुधार को लेकर टीम ने रिम्स का इंस्पेक्शन किया। पैथोलॉजी लैब, माइक्रोबायोलॉजी और बायो केमिस्ट्री डिपार्टमेंट का भी इंस्पेक्शन किया। साथ ही डिपार्टमेंट के स्टाफ्स और टेक्निशियंस से पूछताछ भी की। टीम में शामिल डॉ। संध्या काबरा, डॉ। इंद्रनील रॉय, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ। अधिकारी ने पूरे हास्पिटल की व्यवस्था का जायजा लिया।

पहले मशीन जांच कराएं

इंस्पेक्शन के दौरान सीडीसी की टीम पैथोलॉजी डिपार्टमेंट में गई और टेक्निशियन से पूछा कि उनके पास सैंपल रखने की क्या व्यवस्था है। इस पर जवाब देते हुए टेक्निशियन ने बताया कि चूहे सैंपल लेकर भाग जाते हैं। इसलिए सैंपल अलमारी में रखना पड़ता है। इसके बाद सीडीसी की टीम ग्रासिंग रूम में पहुंची। जहां सैंपल्स रखने का सिस्टम पूछा। टेक्निशियन ने बताया कि सैंपल को ईयर के हिसाब से रख दिया जाता है। जरूरत पड़ती है तो निकाला जाता है। इसके बाद टीम ने मशीनों की व्यवस्था देखी और कहा कि जांच कराएं तभी न पता चलेगा कि काम कर रही हैं या नहीं।

सैंपल कैसे करते हैं डिस्पोज

सेंट्रल लैब में जाकर टीम ने वहां का भी हाल जाना। इस दौरान टीम के मेंबर्स ने टेक्निशियंस से टेस्ट के बारे में पूछा और मशीनों के फंक्शन की भी जानकारी ली। साथ ही यह भी पूछा कि टेस्ट करने के बाद जो सैंपल बच जाते हैं, उसे कैसे डिस्पोज करते हैं।

राज्य में 9 टीम लैब की व्यवस्था का ले रही जायजा

टीम के डॉ। काबरा ने बताया कि 9 टीम पूरे स्टेट में हास्पिटल्स के लैब की व्यवस्था देख रही है। झारखंड में मेडिकल कालेज के अलावा डिस्ट्रिक्ट हास्पिटल में भी पैथोलॉजी की व्यवस्था सुधारने को लेकर इंस्पेक्शन चल रहा है। ताकि मरीजों को गवर्नमेंट हास्पिटल्स में ही बेहतर सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। इससे मरीजों को प्राइवेट सेंटरों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

रिम्स डायरेक्टर ने लोहरदगा में किया इंस्पेक्शन

इधर, लोहरदगा में डिस्ट्रिक्ट हास्पिटल का निरीक्षण रिम्स डायरेक्टर डॉ। बीएल शेरवाल ने किया। इसके बाद प्रभारी डायरेक्टर डॉ.आरके श्रीवास्तव ने पैथोलॉजी के अधिकारियों के साथ बैठक भी बुलाई, ताकि पैथोलॉजी की व्यवस्था सुधारने के लिए कदम उठाए जा सकें।