छठीं मुहर्रम पर दालमंडी से निकला दुलदुल का जुलूस

VARANASI : कर्बला के शहीदों की याद में शुक्रवार को ऐतिहासिक दुलदुल का जुलूस दालमंडी की गलियों से उठा। जुलूस मुतवल्ली सैयद इकबाल हुसैन एडवोकेट की देखरेख में वक्फ इमामबाड़ा सिताबराय कच्चीसराय से उठाया गया। जुलूस में अंजुमन जव्वादिया ने नौहे सुनाकर हर आंखों को नम कर दिया। जुलूस कदीमी रास्तों नई सड़क, काली महाल, माताकुंड, पितरकुंडा, लल्लापुरा होते हुए फातमान पहुंचा। यहां से फिर चेतगंज, छोटी पियरी, काशीपुरा, लोहटिया, औसानगंज, जैतपुरा, दोषीपुरा, दारानगर, बहेलिया टोला, पठानी टोला, हनुमान फाटक, लाटभैरव, चौहट्टालाल खां, गायघाट, ठठेरी बाजार, चौक दालमंडी होता हुआ इमामबाड़े पहुंच कर समाप्त होगा।

हर आंख से गिरे आंसू

शहनाई वादक जाकिर हुसैन ने मातमी धुन छेड़कर लोगों को कर्बला के शहीदों की याद ताजा कर दी। अंजुमन जव्वादिया के नौहाखानों ने 'गूंजी है कर्बला में सदा, मैं हुसैन हूं' सुनाया तो लोग जार जार रोने पर मजबूर हो उठे। जुलूस में हिन्दू व मुसलमान दोनों शामिल हुए। संचालन शकील अहमद जादूगर ने किया। शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता फरमान हैदर ने बताया कि अगर जानवर भी इंसानियत के काम आये तो वह भी सम्मानित होता है। इमाम हुसैन के दुलदुल ने यही कर दिखाया। दुलदुल का जुलूस उसी खास दुलदुल घोड़े की याद में निकाला जाता है।