कॉमनवेल्थ में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर देश का नाम रोशन करने वाली पूनम के घर बधाई देने वालों का लगा रहा तांता, एक रोज पहले वेटलिफ्टिंग में जीता था ब्रांज मेडल

-घर पर चल रहीं हैं स्वागत की जोरदार तैयारियां, चार अगस्त को होगी वतन वापसी

VARANASI : दान्दूपुर (क्राइस्ट नगर) में सोमवार को त्यौहार जैसा माहौल था। वहां मौजूद हर कोई जश्न में डूबा था। गांव की बेटी पूनम यादव ने ग्लास्गो में चल रहे कॉमनवेल्थ गेम्स में वेटलिफ्टिंग में देश को मेडल दिलाकर पूरे गांव का नाम विश्व पटल पर रोशन कर दिया। पूनम ने एक रोज पहले म्फ् किलोग्राम वर्गभार में ब्रान्ज मेडल जीता था। सुबह से उसके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा रहा। धूल उड़ाती बड़ी-बड़ी गाडि़यां दिन भर गांव की पगडंडियों पर दौड़ती दिखीं। हर कोई गांव की बिटिया को बधाई देना चाहता था। वहां आने वाला हर कोई पूनम के लिए कुछ न कुछ गिफ्ट ला रहा था। पूनम की मां उर्मिला देवी ने अपनी बेटी को खास उपहार देने की तैयारी की है। स्कॉटलैण्ड से लौटकर घर आने के बाद वह पूनम को सोने की बालियां देंगी। उन्होंने बताया कि पूनम को इसका बचपन से ही शौक था। हालांकि, वह सरप्राइज देने वाली थीं लेकिन घर पहुंचे मीडिया पर्सन्स के सामने वह अपने जज्बातों पर काबू नहीं पा सकीं।

और छलक ही पड़े 'मोती'

दान्दूपुर में पूनम के पिता कैलाश यादव के घर पर सुबह से मीडिया का जमावड़ा लगा था। उनकी बेटी के कॉमनवेल्थ में ब्रांज मेडल जीतने पर कोई उनकी फीलिंग के बारे में जानना चाहता था। वह कुछ खास तो नहीं कह पा रहे थे। बस इतना ही कह पाए कि बिटिया को उसकी मेहनत का फल मिला। इसके बाद उनका गला भर गया, आंखें नम हो गई। कुछ ऐसी ही हालत उसकी मां की भी थी। खुशी के इस अवसर पर वह सबके सामने अपने आंसुओं को छुपाने की कोशिश कर रही थीं। लेकिन जज्बात हैं कि छिपाए नहीं छिपते। उन्होंने एक सवाल के जवाब में बताया कि पूनम को बचपन से ही सोने की बालियां पहनने का शौक था। घर की फाइनेंनशियल कंडीशन दुरूस्त न होने की वजह से अभी तक उसके इस शौक को पूरा नहीं किया जा सका था। उन्होंने बताया कि घर लौटने पर वह बेटी को सोने की बालियां पहनाएंगी। ऐसा कहते वक्त उनकी आंखों से आंसू भी छलक रहे थे। आंसुओं ने उनके ईश्वर की शुक्रअदायगी के अहसास को बयां कर दिया। सिगरा स्टेडियम के आरएसओ व कमिश्नर के प्रतिनिधि एस एस मिश्रा ने पूनम के घर पहुंचकर बुके दिया। जनप्रतिनिधि, स्पो‌र्ट्स पर्सन्स, सोशल एक्टिविस्ट्स समेत बड़ी संख्या में दिनभर लोगों को का आना-जाना लगा रहा।

स्वागत की हो रही तैयारी

चार कमरों के छोटे से मकान में पूनम के स्वागत की जोरदार तैयारी चल रही है। पूनम के स्वागत की तैयारी में हर कोई पलकें बिछाए बैठा है। पूनम की जीत की खबर मिलते ही घर पर रिलेटिव्स के आने का सिलसिला शुरू हो गया। पूनम की बड़ी बहनें किरन और शशिलता भी घर पहुंच चुकी हैं। रात में पूनम ने अपनी बहनों से फोन पर बात की थी। दिन में भी उसने फोन करके फैमिली के हर एक मेंबर से बात की। उसने सभी से बस यही पूंछा कि आप खुश तो हैं ना? पूनम की छोटी बहनें शशि और पूजा घर को सजाने-संवारने का काम कर रही हैं। उन सभी ने मिलकर तय किया है कि चार अगस्त को पूनम की घर वापसी पर उसकी पसंद के पकवान बनाए जाएंगे। उसे सूजी का हलवा बहुत पसंद है। सभी ने उसके लिए सरप्राइज गिफ्ट रखने का भी प्लान बनाया है। उसे वह पूनम के आने पर ही डिसक्लोज करेंगी। पूनम के छोटे भाई आशुतोष और अभिषेक भी अपनी दीदी की उपलब्धियों से गदगद हैं। पूनम के पिता कैलाश यादव ने घर आने वाले हर किसी को वेलकम करने की जिम्मेदारी उन्हीं दोनों को सौंप दी है। वे दोनों भी दीदी के मेडल को करीब से देखने के लिए बेताब हैं।

पूरी सिटी में जश्न का माहौल

पूनम की जीत पर पूरे शहर में जश्न का माहौल है। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के वीसी वाइस चांसलर ने यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट पूनम को बधाई दी। पूनम की इस जीत पर कैम्पस में साथियों ने एक-दूसरे का मुंह मीठा कराया। सिगरा स्टेडियम में प्लेयर्स ने भी केक काटकर जश्न मनाया।