- अक्षय तृतीया के मौके पर ज्वैलरी खरीदते वक्त जरूर परखें उसकी शुद्धता

- हॉलमार्क गोल्ड ज्वैलरी बेचने वाले सिटी में सिर्फ 33 ज्वैलर्स ही रजिस्टर्ड

KANPUR: अक्षय तृतीया के मौके पर ज्वैलरी खरीदना बेहद शुभ माना जाता है। अक्षय तृतीया को लेकर सर्राफा बाजार में रौनक सी है, लेकिन इस चमक में कहीं आप शुद्धता के मामले में धोखा न खा जाएं। इसलिए ज्वैलरी खरीदते वक्त उसे शुद्धता की कसौटी पर जरूर परखें। गोल्ड ज्वैलरी हो या फिर डायमंड ज्वैलरी, सभी की शुद्धता के पैमाने हैं। कानपुर में कई बड़े और ब्रांडेड ज्वैलरी के शोरूम हैं। जहां सोने, चांदी, डायमंड और प्लेटिनम ज्वैलरी में शुद्धता की हर कसौटी को पूरा किया जाता है, लेकिन खरीददारी करते वक्त आप भी पुख्ता कर सकते हैं कि जो ज्वैलरी आप ले रहे हैं वह कितनी शुद्ध है।

गोल्ड ज्वैलरी की शुद्धता को इस तरह परखें-

- हॉलमार्क ज्वैलरी पर साफ तौर पर लिखा होता है कि गहना कितने कैरेट का है।

- हर हॉलमार्क ज्वैलरी पर पर उसके निर्माण का साल लिखा होता है.यह कोडवर्ड अंग्रेजी वर्णमाला के हिसाब से होता है।

-हॉलमार्किंग की शुरुआत साल 2000 से हुई 2000 में बनी ज्वैलरी को ए, 2001 को बी कोड दिया गया। इसी के मुताबिक हर साल का कोर्ड वर्ड है।

- हॉलमार्क ज्वैलरी की पहचान के पांच चिन्ह होते हैं,मानक चिन्ह,सोने की मात्रा,परीक्षण केंद्र का निशान, वर्ष कोड और विक्रेता का निशान

- शुद्धता मापने के लिए ज्वैलरी पर 585 लिखा होने का मतलब 58.5 फीसदी शुद्ध सोना, 750 लिखा होने का मतलब 75.0 फीसदी शुद्ध सोना

- 22 कैरेट की हॉलमार्क ज्वैलरी पर 91.6 लिखा होता है।

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डायमंड ज्वैलरी की शुद्धता इस तरह परखें-

- डायमंड ज्वैलरी खरीदते वक्त शोरूम से आपको एक सर्टिफिकेट मिलेगा जिसमें यह लिखा होगा कि हीरा कितने कैरेट का है.वजन और कट कितना है।

- ज्यादातर डायमंड ज्वैलरी वीवीएस क्वालिटी के होते है। आईएफ क्वालिटी के हीरे पर कोई निशान या दोष नहीं होता। इसलिए यह बेहद महंगे होते हैं।

- हीरा जितना ज्यादा चमकता है उतनी ही ज्यादा उसकी कीमत होती है। हीरे के रंग को डी से जेड की श्रेणी में जांचा जाता है। आखिर में उसे कैरेट रेट से तौला जाता है।

- एक कैरेट हीरा 0.2 ग्राम और 5 कैरेट का हीरा 1 ग्राम का होता है।