मकर संक्रांति पर भी संगम नोज रहा आकर्षण का केन्द्र

रात तीन बजे से ही घाटों पर शुरू हो गई पुण्य की डुबकी

ALLAHABAD: त्रिवेणी के तट पर मकर संक्रांति के पारंपरिक पर्व पर पचास लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पुण्य की डुबकी लगाई तो सोमवार को संक्रांति के मुख्य स्नान पर्व के पुण्य काल में भी पूरे क्षेत्र में आस्था का ज्वार दिखा। रात तीन बजे से ही संगम नोज व अन्य घाटों पर गंगा मैया का जयकारा लगाते हुए श्रद्धालुओं ने पूजन-अर्चन किया और संक्रांति का दान किया। यह सिलसिला दोपहर बारह बजे पुण्य काल समाप्त होने के बाद भी जोर शोर से मेला क्षेत्र में चलता रहा।

उमड़ा स्थानीय श्रद्धालुओं का रेला

संक्रांति स्नान के लिए सूर्य की किरणें जब क्षितिज पर चढ़ गई तो क्षेत्र में काली सड़क व दारागंज साइड से श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा। मौसम खुशगवार होने की वजह से हर कोई संगम नोज की ओर मुड़ चला। सिर पर गठरी और जुबान पर देवी -देवताओं के नाम का स्मरण करते हुए श्रद्धालुओं का रेला संगम की ओर बढ़ता रहा। गंगा मैया की जय, हर-हर महादेव, जय श्रीराम व पवनसुत हनुमान की जय जैसे जयकारों की गूंज के बीच श्रद्धालु पुण्य की डुबकी लगाते रहे। यह नजारा ओल्ड जीटी रोड, काली, त्रिवेणी व खाक चौक पुल के पास बनाए गए स्नान घाटों पर तो दिखा ही संगम नोज पर श्रद्धालुओं के बीच स्नान के लिए ठेलमठेल मची रही।

मौनी अमावस्या की भी आस्था

संक्रांति का पुण्य काल भले ही दोपहर बारह बजे समाप्त हो गया था लेकिन श्रद्धालुओं का रेला दोपहर तीन बजे के बाद भी अनवरत मेला क्षेत्र में आता रहा। इसकी वजह से खाक चौक, त्रिवेणी व गंगोत्री-शिवाला पुल पर देर शाम तक श्रद्धालुओं का दबाव बढ़ता ही रहा। इसकी बड़ी वजह यह रही कि मंगलवार को मेला के तीसरे प्रमुख स्नान पर्व मौनी अमावस्या का स्नान होना है। जो श्रद्धालु संक्रांति का स्नान करने पहुंचे हैं वे क्षेत्र में ही रुककर मौनी अमावस्या का भी स्नान करेंगे। इसके बाद ही अपने-अपने गंतव्य स्थान की ओर जाएंगे।

संत-महात्माओं ने भी लगाई डुबकी

गंगा जी में भले ही पौष पूर्णिमा स्नान पर्व पर पानी कम और प्रदूषित रहा हो लेकिन दो प्रमुख स्नान पर्व लगातार पड़ने की वजह से पानी लबालब रहा। ऐसे में संत-महात्मा भी पुण्य की डुबकी लगाने में पीछे नहीं रहे। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती मनकामेश्वर मंदिर से बोट पर संगम नोज पहुंचे और अपने अनुयायियों के साथ डुबकी लगाई। अखिल भारतीय दंडी संन्यासी प्रबंधन समिति के संरक्षक स्वामी महेशाश्रम, अध्यक्ष स्वामी विमलदेव आश्रम, महामंत्री दंडी ब्रह्माश्रम, महामंडलेश्वर संतोषदास, महामंडलेश्वर बिनैका बाबा, स्वामी अधोक्षजानंद सरस्वती, काशी सुमेरु पीठ के स्वामी नरेन्द्रानंद सरस्वती, योग गुरु आनंद गिरि, कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर व किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर महंत पवित्रा ने भी पुण्य की डुबकी लगाई।

65 लाख ने लगाई डुबकी

संक्रांति के मुख्य स्नान पर्व पर भी जिले के आला अधिकारी संगम नोज सहित अन्य घाटों का निरीक्षण करते रहे। मेला प्रशासन ने पर्व पर शाम पांच बजे तक 65 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के स्नान का दावा किया है, लेकिन देर शाम तक 80 लाख श्रद्धालुओं के स्नान करने का अनुमान लगाया है। डीएम सुहाल एलवाई, आईजी रमित शर्मा, एसएसपी आकाश कुलहरि, प्रभारी मेला अधिकारी राजीव कुमार राय दिनभर मातहतों के साथ सुरक्षा-व्यवस्था व भीड़ नियंत्रण को लेकर निर्देश देते रहे।