- स्मृति इरानी ने पंचानपुर में दक्षिण बिहार केन्द्रीय विवि में भवनों का किया शिलान्यास

- रिसर्च करने वाले स्टूडेंट्स के लिए जनवरी 2016 से शुरू होगा 'ई-शोध सिंधु'

- इरानी ने कहा, पांच गांवों के निरक्षर लोगों को साक्षर करने का काम करें प्रबंधन

- गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए खोले जाएंगे एक हजार ऑनलाइन सेंटर

GAYA : केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति इरानी ने कहा कि प्रदेश की सरकार से समन्वय स्थापित कर शिक्षा की नीव को केन्द्र सरकार मजबूत करेगी, ताकि शिक्षा के स्तर में सार्थक बदलाव लाया जा सके। क्योंकि यूपीए शासनकाल में मानव संसाधन विकास विभाग राजनीति का अखाड़ा बना हुआ था। ये बातें श्रीमति इरानी ने आइआइएम के शैक्षणिक सत्र का उद्घाटन करने के बाद कही। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि नौ राज्यों के फ्0 छात्र यहां इतिहास रचेंगे। संस्थान खुलने से नहीं, बल्कि इसका सार्थकता तभी है, जब स्थानीय जन समस्या से जुड़कर उसका समाधान निकाला जाएगा। उन्होंने कहा कि बोधगया धार्मिक पर्यटन स्थल है। यहां के लिए ऐसी कार्य योजना बनानी चाहिए। जिसके माध्यम से इसे और बढ़ावा मिले और लोगों को रोजगार मिल सके।

सर्वे व शोध कार्यो पर दें ध्यान

श्रीमति इरानी ने कहा कि आइआइएम एक गांव को गोद ले और अपने छात्रों को सर्वे व शोध कार्य में लगाए और स्टूडेंट्स के द्वारा किए गए सर्वे व शोध कार्यो पर शैक्षणिक अंक दे। उन्होंने कहा कि मोतिहारी में महात्मा गांधी के नाम पर केन्द्रीय विवि की स्थापना की जाएगी। और विक्रमशीला विश्वविद्यालय का विकास किया जाएगा। सूबे के शिक्षा मंत्री पीके शाही के केन्द्रीय विवि में मेडिकल कॉलेज की स्थापना व कॉलेजों को नैक की बाध्यता को समाप्त करने की मांग की। जिसे केन्द्रीय मंत्री ने सिरे नकार दिया और कहीं कि मेडिकल कॉलेज की स्थापना उनके विभाग का मामला नहीं है और शैक्षणिक गुणवत्ता के लिए नैक जरूरी है।

स्टार्ट किया जाएगा 'ई-शोध सिंधु'

श्री शाही ने कहा कि मविवि ने आइआइएम को भूमि मुहैया कराया है। जिसे केवल स्थानांतरण की प्रक्रिया बाकी है। वो भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा। इसके एवज में विवि को सरकार ने राशि मुहैया करा दिया है। उन्होंने पंचानपुर में दक्षिण बिहार केन्द्रीय विवि में भवनों का शिलान्यास किया और कहा कि यह कैंपस वाई-फाई से युक्त होगा। यहां छात्रों को अत्याधुनिक शिक्षण व्यवस्था उपलब्ध कराया जाएगा। शोध कार्यो में रूचि रखने वाले छात्रों के लिए जनवरी ख्0क्म् से 'ई-शोध सिंधु' शुरू किया जा रहा है। विवि प्रबंधन चाहे तो आसपास के पांच गांवों के निरक्षर लोगों को साक्षर करने का काम करें।

खोले जाएंगे ऑनलाइन सेंटर

गरीब बच्चों को उच्च तकनीक की पढ़ाई के लिए एक हजार ऑनलाइन सेंटर खोले जाएंगे। यह सेंटर 'स्वयं' नामक संस्था द्वारा संचालित होगा। केन्द्रीय मंत्री को निदेशक प्रो। शैवाल चट्टोपाध्याय, कुलपति प्रो। एम। इश्तेयाक, कुलपति प्रो। हरीश चन्द्र सिंह राठौर ने पुष्पगुच्छ व प्रतीक चिन्ह भेंट किया। इस अवसर पर सांसद हरि मांझी, सुशील कुमार सिंह, विधायक डा। अनिल कुमार, डा.श्यामदेव पासवान, सुरेन्द्र कुमार सिन्हा, विधान पार्षद कृष्ण कुमार सिंह, डा। संजीव श्याम सिंह सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।