-शासन ने अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए बनाई नई योजना

-आशियाने के लिए शासन देगा ब्याज मुक्त लोन

Meerut: मुफलिसी के चलते खुद के आशियाने का ख्वाब संजो रहे गरीब शहरवासियों का सपना अब केन्द्र सरकार पूरा करेगी। भारत सरकार के मिशन 2022 के अंतर्गत हर शहरवासी को मकान मुहैया कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। ये बातें स्मार्ट सिटी के लिए लखनऊ में आयोजित बैठक में भाग लेकर लौटे नगर आयुक्त एसके दुबे ने बताई।

चार चरणों में होगा काम

प्रथम चरण : प्रथम चरण में ऐसे शहरवासियों का चुनाव किया जाएगा, जिनके पास खुद के मकान नहीं हैं। ऐसे गरीबों के लिए शहर से कम ब्याज पर सुलभ तरीके से लोन मुहैया कराया जाएगा। योजना के अंतर्गत ऐसे लोगों को 6.5 फीसदी तक ब्याज में छूट दी जाएगी, जबकि सरकारी ब्याज दर 9 फीसदी है।

द्वितीय चरण : योजना के दूसरे चरण में नगर निगम, मेरठ विकास प्राधिकरण व आवास-विकास खुद या प्राइवेट बिल्डरों को आमंत्रित कर बड़ी मात्रा में फ्लैट बनवाएगा। सरकार की ओर से इन मकानों में गरीब शहरवासियों को एक लाख रुपए तक की छूट दी जाएगी।

तृतीय चरण : तीसरे चरण में शहर के स्लम एरिया को चिह्नित किया जाएगा। इन क्षेत्रों से स्लम हटाकर पीपीपी मॉडल पर मकान तैयार कराए जाएंगे। फिर इन मकानों को उसी जगह स्लम में रह रहे लोगों को एक लाख तक छूट देकर अलॉट किया जाएगा।

चौथा चरण : अंतिम चरण में उन लोगों को रखा जाएगा, जिनके पास 50 से 60 मीटर जमीन है और वो मकान बनाने का में अक्षम हैं। ऐसे शहरवासियों को आवासीय योजनाओं में शामिल कर सब्सिडी पर मकान उपलब्ध कराए जाएंगे।

नोडल एजेंसी का होगा गठन

नगर आयुक्त एसके दुबे ने बताया कि मिशन 2022 के लिए रखे गए लक्ष्य और आवासीय काम पूरा करने के लिए शासन से एक नोडल एजेंसी का गठन किया जाएगा। नोडल एजेंसी की जिम्मेदारी शहर में सर्वे कराकर असल लाभार्थियों का चयन करना होगी। उन्होंने बताया कि जिस तरह से राजीव गांधी आवासीय योजना के अंतर्गत मलिन बस्तियों में गरीबों के लिए मकान बनाकर देने का लक्ष्य रखा गया है। उसी तर्ज पर मिशन के अंतर्गत काम किया जाएगा।

सरकार ने 2022 तक हर सिर को छत मुहैया कराने का लक्ष्य रखा है। सरकारी संस्थाओं और आवासीय योजनाओं के माध्यम से सब्सिडी के साथ गरीब शहरवासियों को मकान मुहैया कराए जाएंगे।

-एसके दुबे, नगर आयुक्त