-स्वीकार किया कि वाकई प्राकृतिक आपदा से भारी तबाही हुई है

PATNA: बिहार में हाल ही में आई बाढ़ से राज्य के कई जिलों को प्रभावित किया है। इसमें सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी। केंद्र सरकार ने बाढ़ से हुई क्षति का आकलन करने के लिए सात सदस्यीय टीम को भेजा था। उन्होंने दो दिन मुआयना करन के बाद यह स्वीकार किया कि वाकई इस प्राकृतिक आपदा से भारी तबाही हुई है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी माना कि गंगा में सिल्टेशन के कारण भी बाढ़ की स्थिति विकराल हुई है। हालांकि शनिवार देर शाम दिल्ली लौट गई है।

क्9 जिलों में हुई भीषण क्षति

आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि मौके पर जाकर आकलन करने के बाद केंद्र की टीम ने माना कि बाढ़ से क्9 जिलों में भीषण क्षति हुई है। कृषि समेत कुछ अन्य विभागों द्वारा सौंपे गए ज्ञापन के कुछ बिंदुओं पर केंद्रीय टीम को विशेष जानकारी चाहिए, जिसे सोमवार तक भेज दिया जाएगा। जल संसाधन विभाग से गंगा में गाद की समस्या का ब्योरा भी मांगा गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव (विदेश) मुकेश मित्तल के नेतृत्व में आई सात सदस्यीय टीम ने तीन दलों में बंटकर मौके का अवलोकन किया। तबाही की तस्वीरें देखी और वीडियो के आधार पर नुकसान का आकलन किया। टीम के सदस्य दियारा समेत वैसे इलाकों में भी गए जहां अभी भी बाढ़ का पानी पूरी तरह निकल नहीं पाया है। ऐसे क्षेत्रों में खेती को भी ज्यादा नुकसान पहुंचा है। मौके पर टूटी हुई पुल-पुलिया, सड़कें, फसलों का हाल विनाशकारी बाढ़ की सच्चाई बयान कर रहे थे। टीम ने देखा कि कैसे नेपाल में हुई भारी बारिश से बिहार के क्9 जिलों में व्यापक तबाही हुई। जिससे बड़ी तदाद में जान-माल का नुकसान हुआ। इस दौरान बेतिया और मोतिहारी गई टीम के साथ राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग के संयुक्त सचिव अनिरुद्ध कुमार भी थे।