आई एक्सक्लूसिव

-प्लेटफार्म अंदर ही अंदर हो चुके हैं खोखले, बारिश में जलभराव से धंस सकते हैं प्लेटफार्म

-चूहों ने खोखले कर दिए सेंट्रल स्टेशन के सभी प्लेटफार्म, करोड़ों खर्च फिर भी फायदा नहीं

KANPUR : सेंट्रल पर करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी सेंट्रल स्टेशन को चूहों से आजादी नहीं मिल सकी है। वे सेंट्रल स्टेशन को खोखला कर चुके हैं, जिसकी चलते बारिश में जलभराव होने के चलते कभी भी प्लेटफॉर्म धंस सकते हैं, जिसके चलते पैसेंजर्स के लिए ही नहीं रेल अफसरों के लिए भी बड़ी मुश्किलें खड़ी हो सकती है। हाल ही में पहली बरसात के बाद प्लेटफार्म दो व तीन पर दो जगह प्लेटफार्म अचानक धंस गया था।

सेंट्रल से मालगोदाम तक सुरंग

रेलवे अधिकारियों की मानें तो सेंट्रल स्टेशन में रहने वाले चूहों ने घंटाघर स्थित मालगोदाम तक नीचे ही नीचे सुरंग बना रखी है। जबकि सेंट्रल में कीटनाशक का छिड़काव किया जाता है तो यह कुछ दिनों के लिए सीपीसी मालगोदाम भाग जाते हैं। जहां भी वो खाने पीने के सामनों के बोरे काट देते हैं, जिससे रेलवे को काफी नुकसान होता है। सेंट्रल स्टेशन के प्लेटफार्म पर रहने वाले चूहे आए दिन प्लेटफार्मो के किनारे बिछी इलेक्ट्रिक वायर काट देते हैं। इसके चलते आए दिन वहां शार्ट सर्किट होता रहता है। एक सप्ताह पूर्व प्लेटफार्म 6 में शार्ट सर्किट होने की वजह से यात्रियों में हुई भगदड़ में महिला समेत तीन लोग घायल भी हो गए थे।

ट्रैक पर फैली मिट्टी हटाने का खर्च लाखों में

सेंट्रल स्टेशन में कार्यरत एक उच्च अधिकारी ने नाम न छापने का भरोसा दिलाने पर बताया कि प्लेटफार्म में रहने वाले चूहे प्लेटफार्म की मिट्टी खोद कर ट्रैक के किनारे उसका ढेर लगा देते हैं। जिसकी सफाई में रेल इंजन, माल गाडि़यों की तीन से चार बोगी व एक दर्जन से अधिक कर्मचारी लगते हैं, जिसका खर्च लाखों रुपए में आता है। यह सफाई महिने दो महिने में एक बार की जाती है।

एक्सपर्ट की मदद लेगा रेलवे बोर्ड

एनसीआर सीपीआरओ विजय कुमार ने बताया कि चूहों से मुक्ति पाने के लिए रेलवे बोर्ड पहले भी कई प्रयास कर चुका है। जिसमें सफलता नहीं मिल सकी है। बोर्ड के अधिकारी जल्द ही चूहे मारने के एक्सपर्ट की मदद लेकर चूहों से मुक्ति पाने के लिए कोई ठोस कदम उठाएंगे। जिससे चूहे रेलवे संपत्ति को नुकसान न पहुंचा सके, इसके साथ ही प्लेटफॉर्मो की भी मजबूती की जांच कराई जाएगी।

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पेस्ट एंड रोडेंट कंट्रोल बेअसर

एनसीआर सीपीआरओ विजय कुमार के मुताबिक सेंट्रल स्टेशन में रहने वाले हजारों चूहों से मुक्ति पाने को पेस्ट एंड रोडेंट कंट्रोल यूज किया जा रहा है। वहीं हकीकत यह है कि सेंट्रल स्टेशन में इसका कभी प्रयोग की नहीं किया गया है। जिसके कारण आज तक चूहों में एक प्रतिशत भी कमी नहीं आई है। वहीं दिन में दिन इनकी संख्या बढ़ती ही जा रही है।

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सेंट्रल स्टेशन को चूहों से मुक्त करने के लिए रेलवे बोर्ड चूहे मारने वाले एक्सपर्ट से सलाह ले रहा है। जल्द ही इसके लिए टेंडर कराया जाएगा।

-विजय कुमार, सीपीआरओ, एनसीआर।