छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : कोल्हान यूनिवर्सिटी के कॉन्स्टीट्यूएंट कॉलेजेज में चल रहे बीएड डिपार्टमेंट्स में कांट्रैक्ट पर टीचर्स के रिक्रूटमेंट के लिए कैंडीडेट्स का इंटरव्यू 26 और 27 अगस्त को हो चुका है। अब इन कैंडीडेट्स के सर्टिफिकेट की जांच हो रही है। जांच में ज्यादातर कैंडीडेट्स के एमएड और एमए इन एजुकेशन की डिग्री डिस्टेंस एजूकेशन यूनिवर्सिटीज से प्राप्त किए जाने की बात सामने आ रही है। अब इनके डिग्री की जांच में हर पहलू का ध्यान केयू एडमिनिस्ट्रेशन रख रही है।

मान्यता है या नहीं की जांच

जिन डिस्टेंस एजूकेशन यूनिवर्सिटीज से कैंडीडेट्स ने एमएड और एमए इन एजुकेशन की डिग्री हासिल की है, उन एजूकेशनल सेंटर्स की इस बात की जांच की जा रही कि कैंडीडेट्स को डिग्री प्रोवाइड करने वाले सेशन में यूजीसी द्वारा उन्हें मान्यता प्राप्त था या नहीं। कोल्हान यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ आरपीपी सिंह ने कहा कि डिस्टेंस एजूकेशन यूनिवर्सिटीज को यूजीसी द्वारा सालाना मान्यता दी जाती है। उनका कहना है कि कई डिस्टेंस एजूकेशन यूनिवर्सिटीज को कई एकेडमिक सेशन में मान्यता भी नहीं दी गई थी, ऐसे में अगर कैंडीडेट्स की डिग्री उन सेशन की होगी, जब यूजीसी से उस यूनिवर्सिटी को मान्यता प्राप्त नहीं थी, तो ऐसे में उनकी डिग्री की मान्यता नहीं रह जाएगी।

248 कैंडीडेट्स इंटरव्यू में हुए थे शामिल

26 और 27 अगस्त को कोल्हान यूनिवर्सिटी के कुल 7 कांस्टीट्यूएंट बीएड कॉलेजेज के लिए 63 टीचर्स (एचओडी सहित), वीमेंस कॉलेज में एमएड के लिए फिलहाल 3 असिस्टेंट प्रोफेसर और सभी 7 बीएड कॉलेजेज के लिए 1-1 लाइब्रेरियन के यानी कुल 73 पोस्ट के लिए इंटरव्यू कंडक्ट किया गया। इन पोस्ट्स के लिए होने वाले इंटरव्यू में 248 कैंडीडेट्स शामिल हुए। इनमें पहले से बीएड कॉलेजेज में पढ़ाने वाले टीचर्स भी शामिल थे।

नहीं होगा सेलेक्शन

कोल्हान यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने यह क्लियर कर दिया है कि यूजीसी से बिना मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटीज से डिस्टेंस एजूकेशन के तहत डिग्री प्राप्त करने वाले कैंडीडेट्स का सेलेक्शन नहीं होगा। यह भी पता चला है कि पहले से ही केयू के बीएड कॉलेजेज में पढ़ा रहे कई टीचर्स के पास भी डिस्टेंस एजूकेशन यूनिवर्सिटीज की डिग्रियां हैं। उनके सर्टिफिकेट्स की भी जांच हो रही है, अगर उनकी उनकी डिग्री उस साल की पाई गई जिस साल उस यूनिवर्सिटीज को यूजीसी से मान्यता प्राप्त नहीं था तो उनकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी और इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि वे कई सालों से पढ़ा रहे।