हेडिंग: चैन से सोना है चेन पहनना छोड़ दो

- चेन और मोबाइल लूट की वारदातों से र्थराया शहर, ताबड़तोड़ चार महिलाओं को बनाया निशाना

- किदवई नगर में एडीजी सुरक्षा विजय कुमार की बहन पर तमंचा तानकर लूट ले गए चेन

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KANPUR : सरकार के साथ प्रशासन की ओर से कानून व्यवस्था को लेकर रोजाना बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं लेकिन शहर में बढ़ता अपराध का ग्राफ इन दावों की हवा निकाल रहा है। बाइकर्स लुटेरों का आतंक तो इस तरह है कि महिलाओं का मोबाइल लेकर और चेन पहनकर घर के बाहर निकलना तक मुश्किल हो गया है। सड़क, बाजार यहां तक कि घर के बाहर भी लुटेरे घात लगाए बैठे रहते हैं। साउथ सिटी में तो लुटेरों का आतंक चरम पर है। लुटेरों में पुलिस का कोई खौफ नहीं है। शनिवार को बाइकसवार लुटेरों ने शहर में चार महिलाओं को अपना निशाना बनाया। यहां तक कि एडीजी की बहन की भी चेन लूट ले गए। पुलिस ने पीडि़त महिलाओं को हर बार की तरह लुटेरों की तलाश का झुनझुना पकड़ा दिया है।

शोर मचाया तो तान दिया तमंचा

निराला नगर यू ब्लाक निवासी कमल कुमार आर्य आर्डिनेंस फैक्ट्री में काम करते हैं। उनकी पत्नी सुमन सुबह पड़ोस में स्वीपर को बुलाने के लिए गई थीं। वहां वापस लौट रही थीं कि बाइक सवार दो लुटेरों ने उनकी चेन पर झपट्टा मार दिया। उन्होंने एक लुटेरे का हाथ पकड़कर शोर मचाया तो लुटेरे ने उन पर तमंचा तान दिया। इससे वह सहम गई और लुटेरे चेन लूटकर भाग गए। सुमन एडीजी सुरक्षा विजय कुमार की बहन हैं। किदवईनगर इंस्पेक्टर को इसका पता चला तो उनके होश उड़ गए। उन्होंने तहरीर लेने के साथ मौके पर जाकर पड़ताल की। इंस्पेक्टर का कहना है कि पीडि़त से हुलिया पता कर लुटेरों की तलाश शुरू कर दी गई है।

मारा झपट्टा और ले गए

बाइकर्स लुटेरों ने दूसरा हमला बर्रा में हृदय नारायण की पत्नी साधना पर बोला। साधना सुबह किराना की दुकान से कुछ सामान खरीदकर घर जा रही थीं कि तभी बाइक सवार लुटेरों ने झपट्टा मारकर चेन लूट ली। इसके बाद वे जनता नगर की ओर भाग गए। उनकी तहरीर पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज लुटेरों की तलाश शुरू कर दी।

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फॉर योर हेल्प

-शहर के माहौल को देखते हुए चेन न ही पहनें तो बेहतर

- अगर पहनना जरूरी है तो आर्टीफीशियल ज्वैलरी पहनें

- पैदल चलते समय साड़ी या दुपट्टे से गले को ढक लें

- सड़क पर चलते समय हमेशा चौकन्ना रहें, आसपास नजर रखें

- पता पूछने के नाम पर कोई अंजान व्यक्ति करीब आए तो सतर्क रहें

- सुनसान रास्तों के बजाए बिजी रूट का यूज करें

- सड़क पर चलते-चलते मोबाइल फोन पर बात न करें

-हैंडबैग या पर्स को गले से घुमाकर अच्छे से कैरी करें

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पुलिस से दो कदम आगे लुटेरे

-वारदात में पॉवर बाइक का इस्तेमाल करते हैं लुटेरे

-वारदात के वक्त फर्जी नंबर प्लेट लगा लेते हैं बाइक पर

-एरिया की हर गली-कूचे से अच्छी तरह होते हैं वाकिफ

- बार-बार ट्रांसफर होने से पुलिसकर्मी एरिया को समझ नहीं पाते

- पुलिस की पुरानी बाइकें कई बार मौके पर दे जाती हैं दगा

- लुटेरों की तलाश के लिए पुलिस सिर्फ सीसीटीवी के सहारे

- वारदात के वक्त राहगीर या स्थानीय लोग नहीं आते हैं आगे