- थाने में कई मामले दर्ज

- गार्जियन स्कूल के गार्ड से लेकर प्रिंसिपल पर लगाते रहे हैं आरोप

- कैंपस के अंदर मारपीट की घटना बदस्तूर जारी, कोई रोकने वाला नहीं

- नए प्रिंसिपल के सामने कई चुनौतियां

PATNA : अगस्त ख्0क्फ् में स्कूल में जमकर हंगामा, मारपीट और छेड़खानी का मामला सामने आया था। स्टूडेंट और उसके गार्जियन ने स्कूल एडमिनिस्ट्रेशन पर बच्चों के फ्यूचर के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। एडमिशन के तीन महीने बाद कहा गया कि डिग्री फर्जी है। इस दौरान एक दर्जन बच्चों को गंभीर चोटे लगी थी। मामला शास्त्रीनगर थाना पहुंचा था। इसी साल क्लास टू में पढ़ने वाली एक स्टूडेंट की मां ने बच्ची के साथ छेड़खानी का केस शास्त्रीनगर थाना में दर्ज करवाई थी। वर्ष ख्0क्ब् में स्टूडेंट के बाल काटने का मामला गरमाया था, यह मामला भी सीधे शास्त्रीनगर थाना पहुंचा था। इसके बाद एक टीचर के पति ने अपनी पत्नी को परेशान करने व बेवजह ट्रांसफर करने का मामला भी शास्त्रीनगर थाना में दर्ज करवाया था। इन सब मामलों की फाइल में आगे क्या हुआ किसी को पता नहीं है। लेकिन एफआईआर का कागज आज भी यह बता रहा है कि इस स्कूल के अंदर मनमानी और मनमर्जी की वजह से इसकी साख लगातार खराब होती चली गई।

प्रिया मामला भी दब जाता

मार्च ख्0क्भ् में पढ़ने में तेज स्टूडेंट प्रिया राय को उसके बेस्ट सब्जेक्ट में ही फेल कर दिया गया। इसके साथ-साथ 88 स्टूडेंट्स का मामला अटका। यह मामला भी पूरी तरह दबा था। स्टूडेंट्स के गार्जियन टीचर के हाथों की कठपुतली बन चुके थे। प्रिया राय और उसके गार्जियन भी दबी जुबान से मामले को रफा-दफा करने के लिए म्ख्000 रुपए लेकर कैंपस पहुंचे थे। अचानक पूरा मामला मोड़ ले लिया और प्रिया राय कैंपस से बाहर निकल गई और गायब हो गई। गायब होने के बाद मामला शास्त्रीनगर पहुंचा। जब प्रिया राय सामने आयी तो स्कूल को लेकर कई राज खोलने में लगी है। तीन टीचर गिरफ्तार हो गए। तो डीएवी ने प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया।

नए प्रिंसिपल को देना है जवाब

फिलहाल नए प्रिंसिपल इंद्रजीत राय के सामने डीएवी एडमिनिस्ट्रेशन, सीबीएसई सहित गार्जियन और स्टूडेंट को जवाब देना है। 88 स्टूडेंट्स के फ्यूचर को लेकर भी सही प्लानिंग नहीं हो पाया है। यही नहीं एक बार फिर से स्कूल की साख को बचाने की कवायद भी नए प्रिंसिपल के सामने होगी। फर्जी टीचर पर भी नकेल कसना जरूरी है। क्योंकि फर्जी टीचर का मामला भी उठते रहा है।

डीएवी बीएसईबी स्कूल को रामानुज प्रसाद को लेकर अधिक जाना जाता है। अब नए टीचर के सामने अच्छे स्कूल के रूप में इसे स्थापित करने की बड़ी चुनौती होगी।

-निखिल कुमार,

टीचर वेलफेयर एसोसिएशन

डीएवी बीएसईबी की चुनौतियां

- सीबीएसई और डीएवी के सारे नॉ‌र्म्स को एक साथ कैंपस में फॉलो करवाना

- बच्चों की पढ़ाई, एग्जाम में पारदर्शिता लाना अधिक जरूरी

- गार्जियन को समय पर बच्चों से रिलेटेड सही जानकारी देना

- स्टूडेंट्स की भीड़ पर कंट्रोल करना और बैच के हिसाब से स्टूडेंट का एडमिशन लेना

- कैंपस में एडमिनिस्ट्रेशन, टीचर और स्टूडेंट के बीच सामंजस्य बनाना

- मामले कैंपस के अंदर ही शॉट आउट करना, ताकि मामला थाने तक न पहुंच पाए

- किसी भी तरह की गड़बड़ी करने वाले स्टाफ और कर्मियों पर फौरन एक्शन लेना।