-गंगा रिवर वैली में खतरों के बावजूद मैनावती मार्ग के आसपास मल्टीस्टोरी, टाउनशिप बसाने पर अमादा केडीए

-मैनावती मार्ग व आसपास एरिया में 10 फुट गहराई पर ही जमीन से निकलने लगता है पानी

-ग्राउंड वॉटर लेवल ऊपर होने के कारण नहीं बन पाएंगें पार्किग के लिए बेसमेंट, केडीए की मल्टीस्टोरी भी फंसी

-केडीए बिल्डिंग एक्ट में संशोधन कराएगा, बोर्ड बैठक में फ्लोर पार्किग को एफएआर से छूट देने का लाएगा प्रपोजल

KANPUR@inext.ci.in

KANPUR: गंगा रिवर वैली में आने वाले मैनावती मार्ग के आसपास रेजीडेंशियल एरिया बसाने के नतीजे खतरनाक होने की चेतावनी आईआईटी के वैज्ञानिक दे चुके हैं। बावजूद इसके केडीए इस एरिया में टाउनशिप, मल्टीस्टोरी बसाने पर अमादा है। इसके दुष्परिणाम भी सामने आने लगे हैं। गंगा में बाढ़ आने पर इस एरिया के जलमग्न होने का खतरा पहले से ही मंडरा रहा है। इसी वजह से प्रशासन पहले ही गंगा के वॉटर लेवल 113.455 मीटर से अधिक ऊंचाई पर रोड, घर बनाने की चेतावनी दे चुका है। अब 10 फीट नीचे ही पानी(ग्राउंड वाटर) मिलने के कारण मल्टीस्टोरी में बेसमेंट्स से हाथ धोना पड़ेगा। इसका खामियाजा खुद मैनावती मार्ग के पास मल्टीस्टोरी बनवा रहे केडीए को भी भुगतना पड़ रहा है। जिसके चलते उसे केडीए बिल्डिंग बाइलॉज में चेंज कराने की तैयारी कर रहा है।

2010 में जलमग्न हो चुका है एरिया

वर्ष 2010 से पहले गंगा का हाईएस्ट फ्लड लेवल 113.465 मीटर था। इससे देखते हुए सितंबर, 2010 में तत्कालीन एसडीएम सौम्या अग्रवाल ने केडीए को लेटर भेजकर 113.465 मीटर से अधिक ऊंचाई पर घर (प्लिंथ लेवल), रोड बनाने का सजेशन दिया। जिसके चलते कुछ समय तक इस सजेशन के साथ ही केडीए ने मैनावती मार्ग के आसपास बिल्डिंग्स के नक्शे भी पास किए। लेकिन एसडीएम के केडीए को लेटर भेजे जाने के कुछ समय बाद बाढ़ ने 33 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया और जलस्तर 114.070 मीटर पर पहुंच गया था। जिसके चलते मैनावती मार्ग ही नहीं इससे काफी ऊपर बनी कल्याण-बिठूर रोड पर सड़क पर पानी बहने के कारण जगह-जगह से रोड कट गई। मैनावती मार्ग और कल्याणपुर-बिठूर रोड के दोनों तरफ का एरिया जलमग्न हो गया था। घर, स्कूल्स और निर्माणाधीन टाउनशिप तक में पानी भर गया। कमोवेश यही हाल 2013 सितंबर में गंगा में बाढ़ आने पर हुआ था। बरसात का पानी तो निकल पाया लेकिन गंगा का पानी भी नाले के जरिए बैक फ्लो होकर मैनावती मार्ग के दोनों ओर भर गया था। मैनावती मार्ग और कल्याणपुर-बिठूर रोड के आसपास रहने वालों ने समस्या पर रोष जताते हुए सड़क पर उतरकर बवाल भी काटा था।

खतरे का कर रहा नजरअंदाज

मैनावती मार्ग के दोनों ओर का बाढ़ से घिर जाने के बावजूद इस खतरे को नजरअन्दाज करते हुए केडीए के ऑफिसर टाउनशिप, मल्टीस्टोरी आदि के धड़ल्ले से मैप पास कर रहे हैं। केडीए भी अपनी दो मल्टीस्टोरी मैनावती मार्ग व कल्याणपुर-बिठूर रोड के पास ही बना रहा है। इसी एरिया में न्यू कानपुर सिटी बसाने की भी उसकी प्लानिंग हैं।

एक और बड़ी समस्या

फिलहाल केडीए मैनावती मार्ग के पास मल्टीस्टोरी बनवा रहा है। जिसकी शुरुआत में एक समस्या आ खड़ी हुई है। ये है पार्किग प्रॉब्लम। दरअसल 10 हजार स्क्वॉयर मीटर से अधिक एरिया में 4 बेसमेंट बनाए जा सकते हैं। लेकिन मैनावती मार्ग और आसपास के एरिया में 10 फुट से भी कम गहराई पर पानी (ग्राउंड वाटर) है। जिसके चलते एक भी बेसमेंट बन पाना नामुमकिन है। जिसके चलते इस एरिया में पार्किग की बड़ी समस्या ख्रड़ी होने वाली है। इस समस्या को देखते हुए केडीए ने बिल्डिंग बाइलॉज में संशोधन कराने की तैयारी शुरू कर दी है। जिससे कि फ‌र्स्ट फ्लोर में गाडि़यों की पार्किग की व्यवस्था की जा सकेगी। अक्टूबर में प्रपोज्ड केडीए बोर्ड की मीटिंग में मैनावती मार्ग और कल्याणपुर-बिठूर रोड में बेसमेंट की जगह फ‌र्स्ट फ्लोर तक पार्किग की सुविधा देने का प्रस्ताव लाया जा सकता है। जिसमें फ्लोर पार्किग के लिए हाईट 7.5 फुट से अधिक नहीं रखी जा सकेगी। इस फ्लोर पार्किग को फ्लोर एरिया रेशियो में नहीं गिना जाएगा।

फिर भी नहीं चेत रहे हैं

KANPUR: प्रकृति से खिलवाड़ के नतीजे कितनी तबाही मचा देते हैं, इसके उदाहारण हजारों साल पहले ही नहीं भी अभी भी देखने को मिलते हैं। सिन्धु नदी के किनारे बसी पहली नगरीय सभ्यता के मिटने की वजह भी यही नदी बनी। फिर दामोदर नदी के तबाही मचाने के कारण इसे बंगाल का शोक कहा जाने लगा। पिछले साल ही उत्तराखंड में पहाड़ों पर हुई त्रासदी को आज भी लोग नहीं भुला पाए हैं। जिसमें जलप्रलय से हजारों लोगों को जान गंवानी पड़ी थी। बावजूद इसके गंगा रिवर वैली में आने वाले मैनावती मार्ग के आसपास रेजीडेंशियल कालोनी बसा रहा है।

-किसी भी तरह स्वाइल होने पर बिल्डिंग बनाई जा सकती है। जिस तरह की स्वाइल होती है, उसकी हिसाब से बिल्डिंग की फाउन्डेशन की डिजाइन की जाती है।

- स्वराज गांगुली, चीफ टाउन प्लानर केडीए