- दून में पहले चरण में बदली जाएंगी तीन इंदिरा अम्मा कैंटीन

- कैंटीन्स के लिए मांगे आवेदन, लकी ड्रॉ से होगा आवंटन

- कैंटीन्स के लिए निर्धारित की जाएंगी सेवा शर्ते

DEHRADUN: पिछली सरकार यानी कांग्रेस सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट इंदिरा अम्मा कैंटीन्स पर अब भाजपा सरकार की कैंची चलनी शुरू हो गई है। वर्तमान सरकार ने दून में संचालित हो रही इंदिरा अम्मा कैंटीन्स का नए सिरे से आवंटन करने का फैसला लिया है। इसके लिए आवेदन भी मांगने शुरू कर दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि अगले महीने से नए सिरे से नई कैंटीनों का संचालन होगा। फिलहाल दून की सबसे पुरानी तीन कैंटीन्स के लिए आवेदन मांगे गए हैं। इधर, कैंटीन संचालक स्वयं सहायता समूहों ने सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जताई है।

पिछली सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट

पूर्ववर्ती हरीश रावत सरकार में जरूरतमंदों को ख्0 रुपए में खाने की थाली मुहैया कराने के लिए इंदिरा अम्मा कैंटीन्स की शुरुआत की गई थी। क्भ् अगस्त ख्0क्भ् को दून से शुरू किए गए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर दून में सबसे पहले तीन कैंटीन्स खोली गई थीं। इसके लिए शर्त यह थी कि कैंटीन का संचालन महिला स्वयं सहायता समूह ही करेंगे। इसके लिए सरकार ने प्रति थाली क्0 रुपए सब्सिडी देने की भी बात कही थी। लेकिन, अब राज्य में भाजपा सरकार ने इंदिरा अम्मा कैंटीन्स को बदले जाने का फैसला लिया है।

सेवा शतर्े होंगी तय

ग्राम्य विकास विभाग के अंतर्गत आवंटित होने वाली इंदिरा अम्मा कैंटीन्स के लिए राज्य सरकार सेवा शर्ते लागू करेगी। स्वयं सहायता समूह का बाकायदा बैंक अकाउंट लिंक होगा, कैंटीन आवंटन के लिए डीएम की अध्यक्षता में समिति का गठन होगा, जिसमें जिला स्तर पर सीडीओ, डीएएओ, पीडी, जिला मिशन प्रबंधक आदि शामिल किये जाएंगे। आवेदन आने के बाद सेवा शर्तो के आधार पर जो स्वयं सहायता समूह खरा उतरेगा, उसी को इंदिरा अम्मा कैंटीन संचालित करने का जिम्मा सौंपा जाएगा। जिला मिशन प्रबंधक विक्रम सिंह ने बताया कि बड़ी मात्रा में आवेदन आने के बाद आवंटन के लिए ड्रॉ सिस्टम भी अपनाया जाएगा।

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यहां संचालित हो रही हैं कैंटीन्स

क्- घंटाघर स्थित एमडीडीए कॉम्पलेक्स

ख्- दून हॉस्पिटल

फ्- ट्रांसपोर्ट नगर

ब्- विकास भवन

भ्- सचिवालय

म्- डोईवाला

7- विकासनगर

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तो एनजीओ भी चला रहा कैंटीन

बताया जा रहा है कि दून में आवंटित इंदिरा अम्मा कैंटीन्स में एक कैंटीन स्वयं सहायता समूह के बजाय एनजीओ द्वारा संचालित की जा रही है। बताया जा रहा है कैंटीन संचालक की पूर्ववर्ती सरकार में खासी पकड़ थी।