- 20 अक्टूबर को बंद होंगे गंगोत्री धाम के कपाट

- 21 अक्टूबर को केदारनाथ व यमुनोत्री के कपाट होंगे बंद

- 19 नवंबर को बदरीधाम के कपाट होंगे बंद

GARHWAL: उत्तराखंड के चारों हिमालयी धामों के कपाट बंद होने की तिथियां घोषित कर दी गई हैं। शीतकाल के लिए चार धाम के कपाट बंद होने का सिलिसिला गंगोत्री से शुरू होगा। सबसे पहले गंगोत्री धाम के कपाट ख्0 अक्टूबर को बंद किए जाएंगे। इसके बाद अगले दिन ख्क् अक्टूबर को केदारनाथ और यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। आखिर में क्9 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे।

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कपाट बंद होने का मुहूर्त

बदरीनाथ- 7.ख्8 सायं

केदारनाथ- 8.फ्0 सुबह

यमुनोत्री- ख्.क्भ् दोपहर

गंगोत्री- अभी तय नहीं।

पंचांग देखकर निकाला मुहूर्त

विजयदशमी के पावन मौके पर शनिवार को चारों धामों के कपाट बंद करने का मुहूर्त निकाला गया। बदरीनाथ धाम के मुख्य पुजारी और रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी की मौजूदगी में धर्माधिकारी भुवनचंद्र उनियाल व वेदपाठियों ने कपाटबंदी का मुहूर्त निकाला। शीतकाल के छह माह भगवान बदरी जोशीमठ स्थित नृसिंह मंदिर में विराजेंगे। इधर, ऊखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में पुजारी शिव शंकर ¨लग, गंगाधर ¨लग, मंदिर समिति के कार्याधिकारी अनिल शर्मा समेत वेदपाठियों की मौजूदगी में केदारनाथ धाम के कपाट बंद करने का मुहूर्त निकाला गया। कपाट बंद होने के बाद इसी दिन केदारनाथ की उत्सव डोली ओंकारेश्वर के लिए रवाना होगी और यहीं शीतकाल के म् माह तक विराजमान रहेगी। यमुनोत्री मंदिर समिति के उपाध्यक्ष जगमोहन उनियाल व सचिव कीर्तेश्वर उनियाल ने बताया कि यमुनोत्री धाम के कपाट स्वाति नक्षत्र के साथ योग लाभ के संयोग में बंद किए जाएंगे। इससे पहले पूजा-अर्चना के बाद श्री यमुना महारानी का मुकुट उतारा जाएगा और दोपहर ख्.ख्0 बजे उनकी डोली अपने मायके खरसाली रवाना होगी। कपाट बंद होने के बाद मां गंगा के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास मुखबा में होंगे। गंगोत्री धाम के कपाट बंद करने का मुहूर्त अभी नहीं निकाला गया है।

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विजयादशमी के मौके पर ही द्वितीय केदार मद्महेश्वर व तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट बंद होने की तिथि भी घोषित की गई। मद्महेश्वर धाम के कपाट ख्ख् नवंबर को सुबह 8.फ्0 बजे बंद किए जाएंगे। इसी दिन भगवान की उत्सव डोली गौंडार के रवाना होगी। मक्कूमठ में मठापति व आचार्यो की देखरेख में ख्7 अक्टूबर सुबह क्0.फ्0 बजे तृतीय केदार तुंगनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे और इसी दिन तुंगनाथ की उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ के लिए रवाना होगी।