विवाह की तैयारी में लगे लोगों को अब चार मंथ का लंबा इंतजार करना होगा। इसके साथ ही कोई अन्य मांगलिक कार्य भी नहीं हो सकेंगे। इसका कारण है सैटरडे 30 जून से देवशयनी एकादशी का होना है। इस कारण 29 जून तक ही सीजन का लास्ट लगन था। 30 जून से इसपर पूरी तरह रोक लग गई है। अब अगले 4 मंथ तक शादी-विवाह या अन्य शुभ कार्य नहीं किए जा सकेंगे। लोगों के पास इंतजार के अलावा कोई उपाय नही।


इसलिए नहीं होते मांगलिक कार्य
देवशयनी एकादशी के संबंध में ऐसी मान्यता है कि इस एकादशी से भगवान 4 महीने तक योगनीद्रा में होते हैं, जिससे इस दौरान विवाह व अन्य मांगलिक कार्य नहीं किए जाते। इसे चतुर्मास भी कहते हैं। पंडितों का कहना है कि धर्मशास्त्रों के अनुसार यह समय भगवान भक्ति के लिए होता है। इसके बाद अब विवाह की शहनाई 24 नवंबर से देव उठनी एकादशी के बाद शहनाई की आवाज गूंजेगी।

5 महीने का होगा चतुर्मास
चतुर्मास 4 महीने का होता है। लेकन इस साल यह 5 महीने का होगा। इसका कारण यह बताया जा रहा है कि इस बार इस दौरान ही अधिमास (अधिक मास) भी पड़ रहा है। अधिमास 18 अगस्त से 16 सितंबर तक रहेगा।

देवशयनी एकादशी में कोई भी शुभ कार्य वर्जित होता है। इस बीच ही अधिमास भी पड़ रहा है। इसलिए इंतजार थोड़ा लंबा हो सकता है। इस दौरान शादी-विवाह जैसे शुभ कार्य भी नहीं हो सकेंगे। इस कारण अब 24 नवंबर से लगन व अन्य शुभ कार्य की शुरूआत हो सकेगी।
पंडित नंदकिशोर उपाध्याय, सोनारी