- रिपोर्ट दर्ज करने में भी कर दिया खेल, एक मामले में डकैती तो दूसरे में लूट की रिपोर्ट दर्ज की

- घटना के 24 घंटे बाद पुलिस के हाथ खाली, डकैती में निकाला पारिवारिक विवाद का एंगल

- कच्छा बनियान, बावरिया और कंजड़ गिरोहों पर भी संदेह, लेकिन जांच के नाम पर पुलिस दोराहे पर

KANPUR: चौबेपुर में एक साथ तीन घरों में डकैती और हत्या के ख्ब् घंटे बीतने के बाद बदमाशों का सुराग लगाने में नाकाम पुलिस को जब कुछ नहीं मिला तो इन वारदातों को उसने पारिवारिक रंजिश का रंग देने की कोशिश शुरू कर दी है। पुलिस की अब तक की जंाच तो इसी ओर इशारा कर रही है। पूछताछ के लिए पुलिस ने आस पास के गांव के दर्जनों लोगों को उठाया है, लेकिन बदमाशों का कोई सुराग हाथ नहीं लगा है। अपनी नाकामी पर पर्दा डालने के लिए पीडि़तों की रिपोर्ट दर्ज करने में चौबेपुर पुलिस ने खेल कर दिया। तीन वारदातों में पुलिस ने एक में लूट की रिपोर्ट दर्ज की है जबकि वृद्ध दंपति की जिसमें हत्या हुई वह मामला डकैती में दर्ज किया है।

पारिवारिक रंजिश का एंगल निकाल रही पुलिस

चौबेपुर एसओ भीमसेन पुनिया के मुताबिक मुन्नालाल का काफी समय से एक जमीन के बैनामे को लेकर रिश्तेदारों से ही विवाद चल रहा था। कई बार बात मारपीट तक भी पहुंची थी। इसी वजह से उनके दामाद सुबेदार यादव के साथ रहने लगे थे। वैसे वारदात में किसी नजदीकी के शामिल होने के बात तो पुलिस ने मौके पर पहुंचने के बाद ही कह दी थी, लेकिन अरविंद सिंह के घर पर पड़ी डकैती में उसके पास ऐसा कोई सुराग नहीं है। हालाकि पुलिस वारदात में एक ही गिरोह के शामिल होने की बात मान रही हैं लेकिन पुख्ता तौर पर जांच किस ओर है यह तय नहीं है।

एक में लूट तो दूसरे में डकैती की रिपाेर्ट क्यों?

चौबेपुर पुलिस ने अरविंद सिंह की तहरीर पर लूट की जो रिपोर्ट दर्ज की है। उसमें घटना का समय रात क्:फ्0 बजे दिखाया है। रिपोर्ट में अरविंद के घर फ् से ब् बदमाशों के घर में घुस कर लूटपाट की बात लिखी है। जिसमें कोई मारपीट नहीं हुई। वहीं दूसरी एफआईआर जिसमें पुलिस ने हत्या और डकैती की रिपेार्ट दर्ज की है उसकी टाइमिंग रात ख् बजे की है। इस वारदात में म्-7 लोगों के शामिल होने की बात है। साथ ही पड़ोसी योगेंद्र के घर में घुस कर मारपीट करने का मामला भी दर्ज है। सवाल यह उठता है कि अगर पुलिस मान रही है कि दोनों वारदातें एक ही गिरोह ने की तो एक में लूट व दूसरे में डकैती की रिपोर्ट क्यों दर्ज की।

मामले को घुमाने की कोशिश दोनों रिपोर्टे अलग अलग धाराओं में दर्ज करने के पीछे पुलिस की मंशा पर सवाल उठता है। दरअसल पुलिस मामले को घुमाने का प्रयास कर रही है क्योंकि असल आरोपियों को तो पुलिस पकड़ने से रही। इस वजह से पुलिस मामले में पारिवारिक पहलू होने की बात भी कह रही है। वहीं इस वारदात से बदमाशों की मंशा पर भी सवाल उठता है। वह ये कि बदमाशों ने एक घर में सिर्फ लूटपाट की और बाकी दोनों में मारपीट और हत्या ऐसा क्यों? इस बात का जवाब पुलिस के लिए काफी मुश्किल हो गया है।

अपनी सुरक्षा खुद कर रहे ग्रामीण चौबेपुर के अब्दुलपुर गांव में डकैतों के तांडव के बाद अब्दुलपुर समेत आसपास के कई गांवों में दहशत का आलम है। अब्दुलपुर में भारी फोर्स तैनात है लेकिन आसपास के गांव वालों ने अपनी सुरक्षा के लिए खुद ही तैयारी की है। वह लाइसेंसी असलहों के अलावा लाठी डंडों से लैस हो कर रात को चौकीदारी कर रहे हैं।

दर्जनों को उठाया लेकिन हाथ खाली

डकैती डालने वालों तक पहुंचने के लिए पुलिस ने अब्दुलपुर समेत आस पास के कई गांवों से संदिग्धों को पूछताछ के लिए उठाया है। हालांकि उनसे पूछताछ में अभी कुछ नहीं मिला है। बावरिया और कच्छा बनियान गिरोह के वारदात में शामिल होने की बात से इंकार नहीं करने वाली पुलिस का इन गिरोहों की पिछली वारदातों की जांच का रिकार्ड भी अच्छा नहीं रहा है।