घौसाबाद स्थित चाय की दुकान पर हुई चुनावी चर्चा

VARANASI

विधानसभा चुनाव को लेकर बतकही चहुंओर जारी है। जहां जाइये सिर्फ और सिर्फ चुनावी बयार ही बहती हुई दिख रही। बनारस की अधिकतर चाय व पान की अडि़यों पर नेताओं के पाला बदलने से लेकर उम्मीदवारों के जीत-हार की भविष्यवाणी भी की जा रही है। शुक्रवार को आई नेक्स्ट टीम जब उत्तरी विधानसभा के घौसाबाद स्थित अभिलाष टी स्टॉल पर पहुंची तो वहां उपस्थित एडवोकेट, स्टूडेंट्स, गवर्नमेंट इम्प्लाईज सहित अन्य पब्लिक की चुनावी चर्चाएं पूरे चरम पर थी। बस आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने पूछ दिया कि क्या लगता है इस बार कौन उत्तरी से जीतेगा? इतना सुनते ही चर्चाओं को तो जैसे पंख लग गया।

कचहरी से काम काज निपटाकर घर दुर्गाकुंड के लिए निकले मनोज विश्वकर्मा रास्ते में पड़ने वाले अभिलाष पाल के चाय की दुकान पर अमूमन रोज ही रूकते हैं। -वह चाय का कुल्हड़ मुंह से हटाते हुए बोले की इस बार विकास कार्यो के बूते चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी पर विचार किया जाएगा। जो विकास करेगा उसी को वोट मिलेगा। अभी मनोज कुछ बोलते कि तभी अभिषेक विश्वकर्मा तुरंत अपनी चाय की कुल्हड़ मुंह से हटाते हुए बोले कि वर्तमान विधायक तो विकास कार्य का डंका पीट रहे थे, देख लीजिए, कितना विकास हुआ है?

कुछ आगे कहते उसके पहले ही कैलाश प्रसाद बोले कि इस बार लहर कुछ और कह रही है। जनता सब समझ गई है कि इस बार वर्तमान विधायक की दाल नहीं गलने वाली है। तभी कुल्हड़ फेंकते हुये हिमांशु गिरी ने कहा कि वर्तमान विधायक अपने विकास कार्यो के बल पर दोबारा जनता के बीच में आएंगे। अभी बात पूरी भी नहीं हुई कि हिमांशु को रोकते हुये गाैतम चतुर्वेदी ने कहा कि इस बार राजनीतिक पार्टी को नहीं बल्कि साफ-सुथरे, ईमानदार छवि वाले और जनता के सुख-दुख में बराबर की हिस्सेदारी दें उसी को उत्तरी का एमएलए चुना जाएगा।

टी द प्वॉइंट

- तभी भट्ठी से चाय की केतली उतारते हुये टी स्टॉल के स्वामी अभिलाष बोलते हैं कि देखिए भईया, हर बार के चुनाव में नेताजी लोग वोट के लिए घर-घर दौड़ते हैं, पैर तक पकड़ते हैं, लेकिन विधायक बनने के बाद क्षेत्र क्या शहर में भी नहीं दिखते। नेताओं के इस खेल को जनता को भांप चुकी है। थोड़ा तल्ख लहजे में मुंह से चाय की कुल्हड़ हटाते हुये -आनंद सेठ बोलते हैं कि इस बार समीकरण चाहे जैसा भी बने। लेकिन वैसा ही नेता चुनना है जो उत्तरी की सबसे बड़ी समस्या सीवर, जर्जर वायर से निजात और साफ पेयजल दिला सके। वादा करने वाला नहीं दावा करने वाला विधायक चाहिए। आनंद को रोकते हुये पंकज बोलते हैं कि देखिये इस बार पार्टी नहीं बल्कि प्रत्याशी को देखकर ही अपने मताधिकार का प्रयोग करिये। सबकी बातें सुन रहे अभिषेक विश्कर्मा अपना कुल्हड़ फेंकते हुये बोले कि सुनिए, उत्तरी की जनता विकास चाहती है और विकास सिर्फ बात करने से नहीं होगा, जमीन से जुड़कर काम करने वाले को ही चुना जाएगा।

नेताओं के खेल को जनता अब बखूबी समझ रही है। उत्तरी विधानसभा में जाति-धर्म पर वोट नहीं बटेंगे। जाति धर्म से उठकर इस बार वोट देना है। राजनीतिक पार्टियां जनता की भावना को ठेस पहुंचाकर अपना उल्लू सीधा कर लेती हैं। ऐसे राजनीतिक दलों से इस बार जनता को सावधान रहने की जरूरत है। दलों की नहीं बल्कि प्रत्याशी का प्रोफाइल देखकर वोट दिया जाएगा।

मनोज कुमार विश्वकर्मा, लक्षीपुरा

ईमानदार, कर्मठ और शिक्षित प्रत्याशी को ही उत्तरी विधानसभा का विधायक चुना जाएगा। ऐसा कैंडीडेट चाहिए जो जनता के मर्म को समझे। शिक्षित प्रत्याशी होगा तो अपने विधानसभा के विकास के लिए हमेशा प्रयत्‍‌नशील रहेगा। वर्तमान विधायक के कामसे संतुष्ट हूं, सत्ता में काबिज नहीं होने के बावजूद विकास कार्यो की गंगा बहाई है।

हिमांशु गिरी, नदेसर

युवाओं को कम न आंका जाए। अब राजनीति की दिशा बदलने में युवाओं की भूमिका अहम होती जा रही है। उत्तरी विधानसभा में युवाओं को भी मौका मिलना चाहिए। युवाओं के जोश खरोश में कोई कमी नहीं, यह किसी को बताने की जरूरत भी नहीं है। उत्तरी के चुनावी दंगल में यदि कोई युवा कैंडीडेट जोर आजमाइश के लिए उतरता है तो उस पर विचार किया जाएगा।

गौतम चतुर्वेदी, चौकाघाट

जर्जर तार सड़कों पर गिर रहे हैं, गलियों की अधिकतर स्ट्रीट लाइटें डैमेज है। चौकाघाट सहित आसपास एरिया में सीवरेज की प्रॉब्लम वर्षो से है। अपनी समस्या लेकर विधायक के पास जाइये तो, पता चलेगा कि विधायकजी अभी बाहर हैं.उत्तरी की जनता ऐसे विधायक को चुनना चाहती है जो कम से कम एक माह तो अपने क्षेत्र में समय जरूर दे।

अभिषेक विश्वकर्मा, लक्षीपुरा