आगरा। यूपी बोर्ड परीक्षा में नकल धड़ल्ले से जारी है। क्लास रूम में शिक्षक इमला बोलकर नकल करा रहे हैं। ये हालात तब हैं, जबकि सूबे में नई सरकार के आने के बाद परीक्षाओं में सख्ती बरतने की कह रहे हैं। अव्यवस्थाओं को दूर कर नकल माफियाओं पर नकेल कसने का दावा कर रहे हैं, लेकिन जमीनीस्तर पर हालात इसके उलट हैं।

केमेस्ट्री का था पेपर

मंगलवार को दूसरी पाली दोपहर दो से शाम पांच बजे तक में इंटरमीडिएट केमेस्ट्री का पेपर था। अछनेरा स्थित एक कॉलेज में कक्ष निरीक्षक द्वारा परीक्षार्थियों को बोल कर नकल कराई जा रही थी। सिर्फ ये ही एक ऐसा कॉलेज नहीं हैं, बल्कि देहात क्षेत्र के कई स्कूलों में खुलकर नकल कराई जा रही है।

फ्लाइंग स्क्वॉयड पर रखते हैं नजर

देहात क्षेत्र में कॉलेज के बाहर नकल माफियाओं का कॉकस सक्रिय रहता है। जो कॉलेज से करीब पांच सौ मीटर की दूरी पर सक्रिय रहते हैं। जैसे ही कोई वाहन रोड से आता दिखाई देता है, तो वह तत्काल इसकी सूचना कॉलेज संचालक को देते हैं। वह नकल करा रहे कक्ष निरीक्षक से सॉल्व पेपर वापस रख लेते हैं। मौके पर पहुंचने पर फ्लाइंग स्क्वॉयड को कुछ नहीं मिलता। कभी-कभी शिक्षा विभाग के कर्मचारी ही कार्रवाई को लीक कर देते हैं।

नकल का लेते हैं ठेका

परीक्षा केंद्र बनने के आगाज से ही नकल माफिया अपनी सेटिंग बैठाना शुरू कर देते हैं। सूत्रों का कहना है कि इसके पीछे मोटी रकम भी कॉलेज संचालकों को शिक्षा अधिकारियों को देनी होती है। जब विभाग द्वारा परीक्षा केन्द्र सार्वजनिक कर दिए जाते हैं, तो अभिभावक कॉलेज संचालक द्वारा नियुक्त उस व्यक्ति से संपर्क कर निश्चित रकम देकर परीक्षा में नकल कराने का आश्वासन लेते हैं। सूत्रों का कहना है कि इस रकम का कुछ भाग अधिकारियों को भी पहुंचाया जाता है, ऐसा नहीं करने पर किसी भी पेपर में जब तक एग्जाम पूरा नहीं हो जाता अधिकारी मौजूद रहते हैं। इससे उक्त विद्यार्थियों का एक पेपर खराब हो जाता है।