- बाजार में मौजूद केमिकल युक्त रंग रंग पहुंचा देंगे अस्पताल
- घर बैठे तैयार कर सकते हैं हर्बल कलर
ALLAHABAD: होली पर केमिकल वाले रंग आपके जीवन को बेरंग कर सकते हैं। इन रंगों में मिले केमिकल आपकी त्वचा को जबरदस्त नुकसान पहुंचा सकते हैं। पिछले साल होली पर सामने आए कई मामलों से इनिसिएटिव लेते हुए आई नेक्स्ट आपको हानिकारक रंगों से अवेयर कर रहा है।
हर साल करोड़ों की बिक्री
त्योहार के मौके पर हर साल करोड़ों रुपए के रंगों की बिक्री होती है। लोग होली को कलरफुल बनाने के लिए बाजार में बिकने वाले सस्ते रंगों पर अधिक भरोसा करते हैं, जो त्वचा के लिए हार्मफुल होते हैं। इनके रिएक्शन से छाले, दाने, खुजली, एलर्जी के अलावा कैंसर जैसी घातक बीमारी हो सकती है। डॉक्टर्स कहते हैं कि लोगों के महंगे, ब्रांडेड और हर्बल रंगों का इस्तेमाल करना चाहिए। क्योंकि बाजार में बिकने वाले ज्यादातर रंग आक्सीडाइज्ड मेटल होते हैं या इंजन ऑयल के साथ इंडस्ट्रियल डाई को मिक्स करके तैयार किया जाता है।
हर रंग में होता है अलग मेटल
चमकीला हरा रंग
इस रंग में कॉपर सल्फेट, परपल क्रोमियम आयोडाइड, सिल्वर एल्यूमिनियम ब्रोमाइड, लेड ऑक्साइड और कांच का बुरादा मिलाया जाता है। ये मिक्सचर आंख में चला जाए तो आंख में एलर्जी और अंधापन हो सकता है।
चमकीला काला रंग
इस रंग में लेड आक्साइड की मिलावट की जाती है। इसके चलते रीनल फेलियर यानी किडनी खराब होने का कारण बन सकता है।
बैंगनी रंग
बाजार में बिकने वाले सस्ती क्वालिटी के रंग में क्रोमियम आयोडाइड होता है जो ब्रॉन्कियल अस्थमा और एलर्जी पैदा कर सकता है।
सिल्वर कलर
सिल्वर कलर बनाने में एलुमिनियम ब्रोमाइड का इस्तेमाल करते हैं। यह बेहद घातक होता है, क्योंकि इससे कैंसर हो सकता है।
लाल रंग
आपके फेवरेट लाल रंग में इस्तेमाल होने वाला मर्करी सल्फाइट त्वचा के कैंसर का कारण तक हो सकता है।
ऐसे तैयार करें हर्बल रंग
1. पीला रंग- हल्दी को पानी में मिलाकर
2. ब्राइट पीला- हल्दी को पानी में मिलाने के बाद दो नीबू डालें
3. गुलाबी- पानी में हल्दी डालने के बाद थोड़ा सा सोडा डालें
4. आरेंज- टेसू के फूल को हल्का उबाल कर या मेहंदी को उबालकर छान लें
5. मेजेंटा रेड - चुकंदर का जूस निकालकर पानी में मिलाएं
रासायनिक रंगों से नुकसान
बद-रंग, कांटैक्ट डर्मेटाइटिस, अब्रेशन यानी छिलन या खरोंच, रूखापन, खुजली या फुंसी, ड्राई स्किन
रंग खेलने से पहले बरतें सावधानी
1- पूरी बॉडी पर मॉइश्चराइजर या क्लींजिंग मिल्क लगा लें। नाखूनों पर नेल पेंट लगा लें। कैलामाइन लोशन का प्रयोग करें। बालों व त्वचा को साबुन आदि से रगड़ना नहीं चाहिए।
2- होली खेलने से एक दिन पहले बालों की अच्छे से मसाज कर लें और बालों में तेल को लगा रहने दें। इससे आपके बालों पर कलर नहीं चढ़ेगा। होली खेलने के बाद गुनगुने पानी से बाल धो लें और फिर बालों में तेल लगा लें।
बॉक्स
सैकड़ों मरीजों ने दी थी दस्तक
पिछले साल होली के दौरान सैकड़ों मरीज त्वचा में एलर्जी और आंखों में जलन की शिकायत लेकर पहुंचे थे। इसके अलावा मुंह के भीतर रंग चले जाने से कई मरीजों को छाले और पेट में जलन की शिकायत हो गई थी। कुछ मरीजों को तो लंबे समय तक दिक्कतों से जूझना पड़ा था।
पांच से पचास रुपए तक दाम
बाजार में अलग-अलग कीमतों के रंग मौजूद हैं। अबीर और गुलाल के पैकेट की कीमत पांच से पचास रुपए के बीच है। बाजार में पैकेट के अलावा खुले रंग भी खुलेआम बेचे जा रहे हैं। इनकी कीमत भी काफी ज्यादा है। रंगों में यूज होने वाले खुशबूदार केमिकल्स भी कम खतरनाक नहीं है। ये महंगे होते हैं लेकिन इनकी वजह से त्वचा ड्राई हो जाती है।
- बाजार में बिकने वाले कलर्स में हानिकारक केमिकल्स का उपयोग होता है। इन रंगों का उपयोग करने के बाद भारी संख्या में मरीज इलाज के लिए ओपीडी आते हैं। लोगों को इन रंगों से होशियार रहना चाहिए।
डॉ। शक्ति बसु, त्वचा विशेषज्ञ
- ऐसे रंगों से अपनी आंखों को बचाना जरूरी है। आंखों में रंग चले जाने से खुजली और जलन की शिकायत होती है। त्योहार पर घर से चश्मा लगाकर निकलना चाहिए।
डॉ। एसएम अब्बास, नेत्र विशेषज्ञ