काफी मशक्कत के बाद महिला टीचर को सैलरी के 11 हजार 800 रुपए कैश तो नहीं मिले। लेकिन डायरेक्टर ने उन्हें कैश की जगह चेक (835174) जरूर दिया। महिला टीचर ने चेक को अपने बैंक अकाउंट में डाला। जो बाद में बाउंस हो गया। इससे पहले भी एक चेक डायरेक्टर ने दिया था, वो भी पहले बाउंस हो चुका था। महिला टीचर ने एसके पुरी थाने में डायरेक्टर के खिलाफ जून महीने में ही एफआईआर दर्ज कराया.
एसएसपी से है न्याय की आस
लापरवाही बरतते हुए थाने की पुलिस ने बगैर 420 का सेक्शन जोड़े एफआईआर दर्ज कर लिया था। जिसका फायदा इंस्टीच्यूट के डायरेक्टर को मिला और उसे कोर्ट से बेल मिल गया। पुलिस ने इस मामले में आज तक चार्जशीट भी कोर्ट में दाखिल नहीं किया। थाने की पुलिस की लापरवाही से दुखी महिला टीचर ने एसएसपी मनु महाराज से मिलकर न्याय की गुहार लगाई है। बुधवार को एसएसपी से मिली। साथ ही एफआईआर में सेक्शन 420 को जोडऩे और मामले की प्रोपर जांच कराने की अपील की। जिस पर एसएसपी ने प्रोपर कार्रवाई का आश्वासन भी दिया है.
काफी मशक्कत के बाद महिला टीचर को सैलरी के 11 हजार 800 रुपए कैश तो नहीं मिले। लेकिन डायरेक्टर ने उन्हें कैश की जगह चेक (835174) जरूर दिया। महिला टीचर ने चेक को अपने बैंक अकाउंट में डाला। जो बाद में बाउंस हो गया। इससे पहले भी एक चेक डायरेक्टर ने दिया था, वो भी पहले बाउंस हो चुका था। महिला टीचर ने एसके पुरी थाने में डायरेक्टर के खिलाफ जून महीने में ही एफआईआर दर्ज कराया।
एसएसपी से है न्याय की आस
लापरवाही बरतते हुए थाने की पुलिस ने बगैर 420 का सेक्शन जोड़े एफआईआर दर्ज कर लिया था। जिसका फायदा इंस्टीच्यूट के डायरेक्टर को मिला और उसे कोर्ट से बेल मिल गया। पुलिस ने इस मामले में आज तक चार्जशीट भी कोर्ट में दाखिल नहीं किया। थाने की पुलिस की लापरवाही से दुखी महिला टीचर ने एसएसपी मनु महाराज से मिलकर न्याय की गुहार लगाई है। बुधवार को एसएसपी से मिली। साथ ही एफआईआर में सेक्शन 420 को जोडऩे और मामले की प्रोपर जांच कराने की अपील की। जिस पर एसएसपी ने प्रोपर कार्रवाई का आश्वासन भी दिया है.
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