-जमशेदपुर वेस्ट विधानसभा क्षेत्र के पहले विधायक बने

-लोगों की भलाई के लिए किए कई काम

-मजदूरों के हक के लिए काफी संघर्ष किया

JAMSHEDPUR : एक स्वतंत्रता सेनानी, मजदूरों के हकों के लिए लड़ने वाले मजदूर नेता, जमशेदपुर पश्चिमी विधानसभा क्षेत्र के पहले विधायक, इन सभी भूमिकाओं को इतनी बखूबी से निभाया कि आज भी इनका नाम आते ही लोगों का मन श्रद्धा से भर जाता है। हम बात कर रहे हैं छोटालाल गिरिजाशंकर व्यास की। देश और समाज की सेवा का कोई भी मौका इन्होंने हाथ से जाने नहीं दिया। चार अगस्त ख्00क् को 9ब् वर्ष की आयु में छोटालाल जी प्रसाद का देहांत हुआ। जमशेदपुर के प्रति इनके योगदान को लोग हमेशा याद रखेंगे।

थे एक सच्चे देशभक्त

गुजरात के महेशाणा जिले में जन्मे छोटालाल जी व्यास एक सच्चे देशभक्त थे। राजकोट के अल्फ्रेड हाई स्कूल से शिक्षा ग्रहण करने वाले छोटालाल जी व्यास ने एक स्वतंत्रता सेनानी के रूप में देश की सेवा की। उनके बेटे गगन व्यास ने बताया कि स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान उन्होंने राजकोट के आजी नदी पर बने पुल को उड़ा दिया था। फिर वहां से भागकर वे अपने एक मित्र त्रिभुवन दास कॉन्ट्रैक्टर के पास मुंबई चले गए, लेकिन उनकी खोज में पुलिस वहां भी पहुंच गई। पुलिस की नजरों से बचते हुए वे मुंबई से कोलकाता पहुंचे।

कोलकाता से पहुंचे जमशेदपुर

कोलकाता पहुंचकर छोटालाल जी व्यास ने एक शेयर ब्रोकर लक्ष्मी दास दयाल के यहां नौकरी कर ली और उसी दौरान वो उस फॉर्म का ब्रांच खोलने के लिए जमशेदपुर पहुंचे। गगन व्यास ने बताया कि बिष्टुपुर स्थित भरुचा मेंसन में ब्रांच खोला गया। क्9ब्म् में बंगाल में हुए दंगे के बाद लक्ष्मी दास दयाल भी अपने परिवार के साथ जमशेदपुर आ गए और इसके बाद यहीं अपनी कर्मभूि1म बना ली।

पहले िवधायक बने

छोटालाल जी व्यास ने एक निर्भिक मजदूर नेता से विधायक तक का सफर तय किया। गगन व्यास ने बताया कि वे इंडियन केबल कंपनी, इंडियन वायर प्रोडक्ट्स, इंडियन कॉपर कॉरपोरेशन सहित कई कंपनीज के मजदूर यूनियन के नेता थे। इसके बाद वे सिंहभूम में कांग्रेस के ज्वाइंट सेक्रेटरी और प्रेसिडेंट भी बने। क्9म्7 में छोटालाल जी प्रसाद ने कम्यूनिस्ट नेता सुनिल मुखर्जी को हराकर जमशेदपुर वेस्ट विधानसभा के पहले विधायक बने।

जमशेदपुर के लिए कई कार्य

छोटालाल जी प्रसाद ने जमशेदपुर के लिए ऐसे कई कार्य किए, जिन्हें लोग हमेशा याद रखेंगे। गगन व्यास ने बताया कि स्टेट री-ऑर्गनाइजेशन के वक्त झारखंड (तत्कालिन बिहार) के कई हिस्सों पर बंगाल दावा कर रहा था। इनमें सरायकेला, सिंहभूम भी शामिल थे। ये सभी इलाके आज भी इस राज्य का हिस्सा हैं, इसमें छोटालाल जी व्यास का भी अहम रोल है। मजदूरों के हक के लिए भी उन्होंने काफी संघर्ष किया। क्9भ्8 में टाटा स्टील में स्ट्राइक हुआ था। इसके बाद कंपनी द्वारा कई मजदूरों को निकाल दिया गया था, लकिन छोटालाल जी प्रसाद ने प्रयास कर कई मजदूरों को दोबारा उनकी नौकरी दिलवाई। शहर में स्थित तुलसी भवन, श्री कृष्ण पब्लिक स्कूल, गुजराती सनातन समाज के निर्माण का श्रेय भी उन्हीं को जाता है।