आरोप लगे
पूर्व गृहमंत्री की तरफ से इशरत जहां केस में दायर किए गए दूसरे हलफनामे को लेकर चिदंबरम को लगातार सत्ताधारी दलों की तरफ से निशाना बनाकर उन पर कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। यहां गौर करनेवाली बात ये है कि जिस वक्त दूसरा हलफनामा बनाया गया था उस समय चिदंबरम ही गृहमंत्री थी। यही वजह है कि सत्ताधारी पार्टी की तरफ से ये आरोप लगाया जाता रहा है कि उनके ही इशारे में दूसरा हलफनामा दायर किया गया।

नहीं गलत है हलफनामा
चिदंबरम ने कहा कि अहमदाबाद के मेट्रोपोलिटन जज एस.पी. तमांग की रिपोर्ट में मुठभेड़ को फर्जी करार देने के बाद दूसरा हलफनामा तैयार किया गया था। उन्होंने कहा कि विशेष जांच दल(एसआईटी) और सीबीआई की जांच में ये कहा गया कि इशरत जिस वक्त पुलिस कस्टडी में थी और उसके पासि से जो हथियार बरामद किए गये वह पुलिस की तरह से सुनियोजित था। विवादों को बेबुनियाद करार देते हुए चिदंबरम ने कहा कि क्या आप बता सकते हैं कि हलफनामे का कौन सा हिस्सा कानूनी, राजैनतिक और नैतिकता के अनुरूप गलत है। उन्होंने कहा कि इंटेलिजेंस की सूचना सिर्फ सूचना होती है कोई सबूत नहीं। इसे गहनता से कोर्ट में जांच किया जाना चाहिए।

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