क्कन्ञ्जहृन्: सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा है कि बदलते समय में मुकदमों का अंबार लगता जा रहा है, जबकि अधिसं2य विवादों का हल मध्यस्थता (आर्बिट्रेशन) के जरिए किया जा सकता है। इसके लिए न्यायाधीशों को पहल करनी चाहिए। राज्य सरकार को भी आगे आना होगा। आम लोगों में भी यह संदेश जाना चाहिए कि अदालत 5ाी मध्यस्थता ही चाहती हैं। इसमें सबका भला है। रविवार को पटना हाईकोर्ट कैंपस में आर्बिट्रेशन 5ावन के स5ागार का उद्घाटन करने के दौरान चीफ जस्टिस ने ये बातें कहीं।

रिटायर जज 5ाी नि5ाएं 5ाूमिका

मु2य न्यायाधीश ने कहा कि आर्बिट्रेटर का काम समझौता कराना है। इसमें किसी की हार और किसी की जीत नहीं होती है। पहली बार दिल्ली हाईकोर्ट में आर्बिट्रेशन सेन्टर 2ाोला गया। अब वह इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेन्टर हो गया है। रिटायर जजों को अगर आर्बिट्रेटर का काम सौंपा जाए तो छोड़ना नहीं चाहिए।

आर्बिट्रेशन बेहतर विकल्प

पटना हाईकोर्ट के मु2य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन ने भी कहा कि आर्बिट्रेशन विवाद को सुलझाने का बेहतर विकल्प है। न्यायाधीश डा। रवि रंजन ने आर्बिट्रेशन सेंटर 2ाोले जाने पर सुप्रीम कोर्ट के मु2य न्यायाधीश को धन्यवाद दिया। समारोह में पटना हाईकोर्ट के स5ाी वर्तमान जज एवं 14 सेवानिवृत जज के साथ रजिस्ट्रार जनरल बीबी पाठक, महाधिवक्ता ललित किशोर, पूर्व महाधिवक्ता रामबालक महतो एवं बड़ी सं2या में अधिव1ता मौजूद थे।