- मेडिकल कॉलेज निरीक्षण में शिकायतों पर भड़के प्रमुख सचिव, डॉक्टर को फटकारा, नर्स को सस्पेंड करने के आदेश

- 6 महीने में 112 बेड का आईसीयू करेंगे शुरू, एक साल में मेडिकल कॉलेज का होगा कायाकल्प

-हैलट में होगी 400 दवाओं की उपलब्धता, नए रजिस्ट्रेशन कॉम्प्लेक्स का काम भी जल्द होगा शुरू

KANPUR:

साहब, हम जब हैलट इमरजेंसी आए तो डॉक्टर बोले तुरंत पैर काटना पड़ेगा, लेकिन पैर काटने से पहले कोई इंजेक्शन भी नहीं लगाया। ऐसे की पैर काट दिया। मैं दर्द से चिल्लाता रहा और डॉक्टर साहब पैर काटते रहे। अब ऐसे वार्ड में रख दिया है, जहां मुझे सेप्टिक हो गया है। मुझे यहां से जाने भी नहीं दे रहे। मंडे को प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ। रजनीश दुबे हैलट का निरीक्षण करने पहुंचे तो मरीजों की ये पीड़ा सुन उनका पारा चढ़ गया। इसी दौरान उन्होंने सफाई पेश कर रहे आर्थोपेडिक विभाग के सीनियर डॉक्टर को फटकार लगाते हुए पूछा कि तुम प्रिंसिपल हो जो मुझे बताओगे। निरीक्षण के दौरान कई मरीजों ने उनसे शिकायत की। इस दौरान बाहर से यूरो बैग मंगाने की शिकायत पर प्रमुख सचिव ने एक स्टॉफ नर्स को निलंबित करने के आदेश भी दिए। इसके बाद उन्होंने सभी विभागाध्यक्षों के साथ मीटिंग भी की।

शिकायतों पर भड़के प्रमुख सचिव

प्रमुख सचिव डॉ। रजनीश दोपहर 1.10 बजे हैलट इमरजेंसी पहुंचे। यहां मेडिसिन वार्ड में उन्होंने मरीजों से बातचीत की तो नाजुक हालत में आई राममूर्ति चौहान के तीमारदारों ने घंटों से आईसीयू नहीं मिलने की शिकायत की तो उन्होंने फौरन मरीज को आईसीयू भेजने के लिए कहा। इसी दौरान बगल में लेटी मरीज शिव कुमारी ने यूरो बैग बाहर से मंगाने की शिकायत की तो प्रमुख सचिव भड़क गए। उन्होंने फौरन स्टॉफ नर्स को बुला कर पूछा तो स्टॉफ नर्स अमिता कोई जवाब नहीं दे सकी। जिस पर गुस्साए प्रमुख सचिव ने उन्हें सस्पेंड करने के निर्देश दिए। इसी दौरान आर्थोपेडिक के वार्ड-18 में भर्ती मरीज संजीव कुमार के तीमारदार शिकायत करने पहुंचे तो प्रमुख सचिव मरीज से मिलने वार्ड में चले गए। जहां की हालत देख उन्होंने नाराजगी जताई। वह संजीव के इलाज के लिए प्रिंसिपल से बात कर ही रहे थे तभी आर्थोपेडिक विभाग के डॉ। प्रग्नेश कुमार ने अपना पक्ष रखने की कोशिश तो प्रमुख सचिव ने चिल्लाते हुए उन्हें फटकार लगाई। इसके बाद प्रिंसिपल से स्पष्टीकरण तलब करने को भी कहा।

----------------

प्रमुख सचिव ने दिए ये निर्देश-

1- 30 मार्च तक नई बिल्डिंग में शिफ्ट कराएं ब्लड बैंक लाइसेंस की प्रक्रिया 15 मार्च तक पूरी करें

2- आर्थोपेडिक विभाग की अधबनी बिल्डिंग को लेकर कार्यदायी संस्था एनसीसीएफ के कामों की जांच रिपोर्ट पीडब्लूडी के इंजीनियर से बनवाएं

3- 6 महीने में आईसीयू की क्षमता दोगुनी कर 112 बेड करेंगे,आईसीयू की एएमसी का करेंगे इंतजाम

4- जून तक 2 करोड़ की लागत से उपकरणों की खरीद के बाद करेंगे बैरियाट्रिक सर्जरी की शुरुआत

5- अमृत फार्मेसी और रजिस्ट्रेशन कॉम्प्लेक्स का काम शुरू कराएं

6- दवाओं की उपलब्धता 200 से बढ़ा कर 400 तक कराएं

7-मल्टी सुपरस्पेशिएलिटी विंग के लिए जल्द ही एमओयू और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू कराएं