- सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता की मुख्य सचिव ने ली जमकर क्लास

- वरुणा कॉरीडोर समय पर पूरा नहीं होने पर कार्रवाई की दी चेतावनी

- यूपीपीसीएल के इंजीनियर्स को भी जमकर फटकारा

VARANASI

सरकारें विकास कार्यो के लिए कितनी भी तेजी दिखाएं। विभागीय हथकंडों के सामने उनका बस नहीं चलता। ऐसा ही मामला सामने आया शुक्रवार को प्रदेश के मुख्य सचिव राजीव कुमार की समीक्षा बैठक के दौरान। मुख्य सचिव ने वरुणा कॉरीडोर की प्रगति पूछी तो गलत रिपोर्ट सिंचाई विभाग ने उन्हें थमा दी। इससे मुख्य सचिव का पारा ऐसा हाई हुआ कि उन्होंने चीफ इंजीनियर से उनका इस्तीफा तक मांग लिया।

बैठक में वरुणा कॉरीडोर की धीमी गति से मुख्य सचिव खासे नाराज दिखे। उन्होंने सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर से कॉरीडोर के पूरा होने की डेटलाइन मांगी। चीफ इंजीनियर ने 31 मार्च तक तय समयसीमा में काम पूरा कराने का आश्वासन दिया। इसपर मुख्य सचिव ने मुख्य अभियंता को कहा कि वह अभी इस्तीफा दें। अगर 31 मार्च तक काम पूरा नहीं हुआ तो इस्तीफा मंजूर कर लिया जाएगा। मुख्य सचिव ने यूपीपीसीएल के प्रोजेक्ट मैनेजर को भी कड़ी फटकार लगाई।

फरवरी में पूरा करें गैस पाइप लाइन

मुख्य सचिव ने गेल के अधिकारियों को कहा कि शहर में गैस पाइप लाइन का काम फरवरी में ही पूरा कराएं। उन्होंने डीएम को कहा कि काम में आने वाली समस्या का प्राथमिकता पर समाधान कराएं। उन्होंने आईपीडीएस, फोन लेन, लिंक रोड और पेयजल परियोजनाओं की भी समीक्षा की। कमिश्नरी सभागार में आयोजित बैठक में कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण, डीएम योगेश्वर राम मिश्र, नगर आयुक्त डॉ। नितिन बंसल समेत सभी विभागों के अफसर मौजूद रहे।