-इलाज के दौरान नवजात बच्ची की गई जान

-सुभाषनगर के करगैना में दाई चला रही हॉस्पिटल

-पहले भी दो मासूमों की ले चुकी है जिंदगी, जमानत पर है छूटी

BAREILLY: डॉक्टर का चोला ओढ़कर इलाज कर रही एक दाई ने मंडे को एक मासूम बच्ची की जान ले ले ली। नॉर्मल डिलीवरी से पैदा हुई बच्ची को दाई ने कमजोर बताकर लैंप से उसकी सेंकाई करने लगी, जिससे उसकी मौत हो गई। सुभाषनगर के करगैना में दाई घर में ही हॉस्पिटल चला रही थी। इससे पहले भी इस दाई न दो नवजातों को मौत की नींद सुला दिया था, जिसमें वह हाईकोर्ट से जमानत पर छूटी थी। पुलिस ने डॉक्टर बनी दाई राधा शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस का कहना है कि महिला को गिरफ्तार कर उसकी जमानत कैंसिल करने की रिपोर्ट कोर्ट भेजी जाएगी।

30 हजार रुपए कराए जमा

नाजिम, करगैना में परिवार के साथ रहता है। उसके परिवार में पत्‍‌नी महराज, 7 वर्षीय बेटी खुशबू और मां जमीला हैं। नाजिम की पत्‍‌नी महराज कई साल बाद प्रेगनेंट हुई थी। परिवार वाले काफी खुश थे कि उनके यहां दोबारा खुशियां आने वाली हैं। डिलीवरी का टाइम होने के चलते 1 अगस्त की रात में करीब 9 बजे नाजिम ने महराज को राधा शर्मा के हॉस्पिटल में भर्ती कराया। नाजिम का कहना है कि राधा शर्मा ने उससे कहा कि यदि नॉर्मल डिलीवरी हुई तो 10 हजार रुपए और सिजेरियन होने पर 30 हजार रुपए लगेंगे। जिसके बाद उसने 30 हजार रुपए जमा कर दिए।

बच्ची कमजोर होने की कही बात

नाजिम ने बताया कि एडमिट कराने के करीब डेढ़ घंटे बाद साढ़े 10 बजे उनकी पत्‍‌नी ने नार्मल डिलीवरी से एक बच्ची को जन्म दिया। डिलीवरी के बाद राधा शर्मा ने कहा कि बच्ची काफी कमजोर है। इसकी सेंकाई करनी होगी। उसके बाद वह बच्ची को एक बंद कमरे में लेकर गई। वहां पर कुछ देर बाद बच्ची को वापस लाकर दे दिया। मंडे सुबह रूम से बाहर निकलते ही बच्ची की मौत हो गई। बच्ची का कमर का हिस्सा पूरी तरह से झुलस हुआ था और शरीर पर फफोले पड़ थे। बच्ची की मौत के बाद जब उन्होंने विरोध किया तो राधा शर्मा ने दो व्यक्तियों को बुला लिया और उनके साथ मारपीट कर बाहर करा दिया। किसी तरह उनके परिजनों ने उन्हें बचाया। जिसके बाद वह पत्‍‌नी को घर लेकर चले गए और बच्चे को थाना ले जाकर शिकायत की।

मां का रो-रोकर बुरा हाल

बेटी के जन्म के बाद गोद लेना तो दूर व सीने से भी नहीं लगा सकी थी। क्योंकि वह तब तक बेहोश ही रही थी। बच्ची की मौत से मां महराज का रो-रोकर बुरा हाल हो रखा है। पहले से ही तबीयत खराब होने से वह और बीमार हो जा रही है। पिता की आंखों में आंसू झलक रहे हैं। दादी गोद में मृत बच्ची को लेकर आरोपी कथित डॉक्टर को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग कर रही हैं। महराज की बड़ी बेटी खुशबू को नहीं पता कि उसकी छोटी बहन दुनिया में आते ही उससे छिन गई है। वह तो बस रोती हुई मां के पास जाकर बैठ जा रही है। नाजिम की बहन व अन्य रिश्तेदार किसी तरह से महराज को ढांढस बंधा रहे हैं।

मेरी कोई गलती नहीं है

कथित डॉक्टर राधा शर्मा का कहना है कि उसकी कोई गलती नहीं है। बच्ची की नॉर्मल डिलीवरी हुई थी। बच्ची के मुंह से पानी आ रहा था, जिसके चलते उसकी सेंकाई की जा रही थी। अचानक बच्ची की मां के ब्लीडिंग होने के चलते वह उसे देखने चली गई और बच्ची के पास सफाईकर्मी लक्ष्मी को छोड़कर चली गई। लक्ष्मी की गलती से बच्ची की मौत हुई है। वहीं बच्ची के परिजनों का कहना है कि लक्ष्मी सिर्फ सफाई का काम करती है। उसकी कोई गलती नहीं है। राधा ही सेंकाई के लिए बच्ची को लेकर गई थी। राधा का कहना है कि वह डॉक्टर नहीं है। उसने आईटीआई कानपुर से दाई का कोर्स किया है। उसने हॉस्पिटल की शुरुआत डॉक्टर वीके रस्तोगी के कहने पर की थी। पहले वीके रस्तोगी कभी-कभार बैठते थे, लेकिन एफआईआर दर्ज होने के बाद उन्होंने पल्ला भी झाड़ लिया।

लंबे समय से चल रहा मौत का धंधा

खुद को डॉक्टर बताने वाली राधा शर्मा का यह कोई पहला कारनामा नहीं है। वह इससे पहले भी कई मासूमों की जान ले चुकी है। कुछ के परिजन पुलिस तक पहुंच गए तो कुछ ऊपर वाले की मर्जी समझकर चुप बैठ गए। राधा शर्मा पर सबसे पहले 21 मई 2014 को हाफिजगंज के रहने वाले मोहम्मद अशरफ ने मुकदमा दर्ज कराया था। अशरफ का आरोप था कि राधा शर्मा की लापरवाही से उनका बच्चा मरा हुआ पैदा हुआ था। 8 जनवरी को वंशीनगला सुभाषनगर निवासी बबलू ने पत्‍‌नी किरन को 7 जनवरी 2015 को एडमिट कराया था। जिसके बाद राधा शर्मा की लापरवाही से उसके भी बच्चे की मौत हो गई थी। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरु की थी। पुलिस ने 2 फरवरी राधा शर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पुलिस ने मामले की जांच के बाद राधा के खिलाफ फर्जी तरह से हॉस्पिटल चलाने के आरोप में धोखाधड़ी की धाराएं बढ़ाकर चार्जशीट लगा दी थी। लोकल कोर्ट से जमानत न मिलने पर उसने हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसके बाद वह 17 अप्रैल को जमानत पर छूट कर आई थी। जमानत से छूटने के बाद उसने फिर से अपना धंधा शुरू कर दिया।

कथित रूप से डॉक्टर कहने वाली महिला के हॉस्पिटल में बच्ची की सेंकाई के दौरान लापरवाही से मौत हुई है। एफआईआर दर्ज कर बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

समीर सौरभ, एसपी सिटी बरेली