- बाल गृह को हाईटेक करने के लिए मुख्यमंत्री ने उठाए कदम

- पीपीपी मॉडल के तहत होगा राजकीय बाल गृहों का सुधार

एक्सक्लूसिव

मनोज बेदी

मेरठ : प्रदेश के राजकीय बाल गृहों की दुर्दशा को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजकीय बाल गृहों की देखभाल को प्राइवेट हाथों सौंपने की तैयारी कर ली है। मुख्यमंत्री का कहना है कि इससे प्राइवेट लोगों को सौंपकर इसे हाईटेक बनाया जाएगा। वहां पर रहने वाले बच्चों को निजी हॉस्टलों की तरह एक ही छत के नीचे स्कूली शिक्षा से लेकर सभी प्रकार की सुविधा दी जाएगी, जिसमें मेरठ के बाल गृह का भी नाम शामिल है।

कैसे होगा हाईटेक

शासनादेश के मुताबिक पीपीपी मॉडल यानि पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप तहत राजकीय बाल गृहों की देखभाल को निजी हाथों में सौंपकर बाल गृहों को हॉस्टलों की तर्ज पर बनाया जाएगा। इसमें बच्चों के लिए रहन सहन के लिए सभी प्रकार की साधनों को भी शामिल किया जाएगा। इसके साथ बच्चों को स्कूली शिक्षा का भी उचित प्रबंध किया जाएगा।

आनलाइन होगा डाटा

हाईटेक होने के कारण राजकीय बाल गृहों को आनलाइन किया जाएगा। वहां पर रहने वाले सभी बच्चों का डाटा आनलाइन रहेगा। जिससे वहां पर रहने वाले बच्चों का सुराग जल्दी से लग सके। यही नहीं राजकीय बाल गृहों में फिजियोथैरपी से लेकर डॉक्टरों से भी बच्चों का भी रूटीन चैकअप कराया जाएगा।

पीपीपी मॉडल के तहत राजकीय बाल गृह की हालत में काफी सुधार आएगा। बच्चों को भी एक ही छत के नीचे सारी सुविधाएं मिल जाएंगी।

-सुधाकर शरण पांडे

जिला प्रोवेशन अधिकारी

अब क्या स्थिति है -

राजकीय बाल गृह में अब 22 बच्चे निवास कर रहे हैं।