RANCHI: चाइल्ड सेक्स एब्यूज के मामले भारत में तेजी से बढ़ रहे हैं। इसकी वजह सेक्स के बारे में बच्चों को जानकारी नहीं होना है। ऐसे में इस पर रोक लगाने में डॉक्टर की अहम भूमिका हो जाती है, जो बच्चों को यह बताएं कि अगर कोई उनके साथ मिसबिहेव करता है या उनके प्राइवेट पार्ट्स को टच करता है तो अपने घर में बड़ों को इसकी जानकारी दें। ऐसे मामले जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में रेफर करने की जरूरत है। इससे सेक्स एब्यूज करने वाले बच नहीं पाएंगे और उन्हें जेल भी भेजा जा सकता है। ये बातें दिल्ली से आए पेडियाट्रिशियन डॉ। राजीव सेठ ने रविवार को कहीं। वह होटल ली लैक में आयोजित चाइल्ड सेक्स एब्यूज पर वर्कशाप में बोल रहे थे।
पेरेंट्स भी बच्चों को करें अवेयर
वर्कशाप में एक्सपर्ट्स ने कहा कि सेक्स एजुकेशन आज के दौर में जरूरी है। इस बारे में पेरेंट्स को भी बच्चों के साथ खुलकर बात करनी होगी। वहीं बच्चों को इस तरह से समझाना होगा कि अगर उनके साथ कुछ गलत हो तो तत्काल इसके बारे में जानकारी दें। तभी चाइल्ड सेक्स एब्यूज के मामलों में कमी आएगी। इसके साथ ही सेक्स एजुकेशन को कोर्स स्टडी में भी शामिल करने की जरूरत है, तभी बच्चों में इसके प्रति जागरूकता आएगी। मौके पर गायनेकोलॉजिस्ट डॉ.शोभा चक्रवर्ती, डॉ.सुमंत मिश्रा, आइएमए के डॉ.अजय कुमार सिंह, डॉ.अरुण कुमार सिंह, रिनपास के डायरेक्टर डॉ.सुभाष सोरेन, डॉ.प्रदीप कुमार सिंह, झासा के डॉ.विमलेश सिंह समेत कई डॉक्टर्स मौजूद थे।