- अलग-अलग हॉस्पिटल्स में एडमिट स्वाइन फ्लू के चार संदिग्धों के सैंपल स्वास्थ्य विभाग ने जांच के लिए भेजे

KANPUR:

स्वाइन फ्लू के संदिग्ध पेशेंट्स मिलने का सिलसिला जारी है। फ्राइडे को अलग-अलग हॉस्पिटल्स में स्वाइन फ्लू के चार नए पेशेंट एडमिट हुए। कुल मिलाकर क्0 पेशेंट्स का सैंपल स्वाइन फ्लू की टेस्टिंग के लिए भेजा गया। चार पेशेंट्स आईडीएच में एडमिट किए गए हैं। डॉक्टर्स के मुताबिक मौसम में आए बदलाव की वजह से स्वाइन फ्लू का वायरस एक्टिव हो गया है, जिससे अलर्ट रहने की जरूरत है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सभी को टेमी फ्लू की खुराक भी दी है। साथ ही लोगों के संपर्क में आने से सावधानी बरतने को कहा है।

चार में से तीन बच्चे

आईडीएच में शुक्रवार को चार रोगियों को गंभीर हालत में एडमिट कराया गया है। जिसमें कि तीन बच्चे हैं। एक बच्चा मंधना, एक बच्चा बिल्हौर और एक बच्चा एम्स सैफई के आईडीएच में एडमिट किया गया है।

सरकारी प्रयासों की खुल रही पोल

डेंगू, स्वाइन फ्लू और दूसरी मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ने से सरकारी तैयारियों की पोल खुलती जा रही है। कानपुर कॉलिंग में इन बीमारियों को लेकर किए जा रहे सरकारी प्रयासों पर लोगों ने अपनी बात कही। उनमें से कुछ चुनिंदा हम पब्लिश कर रहे हैं।

आई कनेक्ट लगा लें

हॉस्पिटल्स में स्वाइन फ्लू, मलेरिया और डेंगू के पेशेंट्स के अलग से ओपीडी होनी चाहिए। जिससे इंफेक्शन का खतरा कम रहता है। हॉस्पिटल्स प्रशासन को इस बात को प्रॉपर समझना होगा।

विमल कटिया, कौशलपुरी

मुझको लगता है कि अगर अस्पताल प्रशासन एक्टिव हो जाए तो काफी हद तक इंफेक्शन को रोका जा सकता है। लेकिन हॉस्पिटल्स में इंफेक्शन की रोकथाम के लिए कुछ नहीं होता है।

प्रदीप यादव, जूही

सरकारी हॉस्पिटल्स में स्वाइन फ्लू, डेंगू के वॉर्ड के नाम पर मजाक किया जाता है। मुझको लगता है कि अगर इसको सीरियसली लिया जाए तो काफी हद तक स्थिति सुधर सकती है।

विनय मोहन, यशोदा नगर

कब तक सरकारी अस्पतालों में पेशेंट्स की जान के साथ खिलवाड़ किया जाता रहेगा। अगर सरकार पूरे प्रयास कर रही है स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए तो अधिकारियों को भी पूरा प्रयास करना होगा।

राकेश मिश्र, विकास नगर