- सोशल साइट्स पर वायरल हुई दो बच्चों की फोटो

- हाथ में ले रखा है सीएम के नाम लंबा पत्र, कहा पापा पुलिस में यही गुनाह

ALLAHABAD: आमजन की सुरक्षा की जिम्मेदारी उठाए पुलिस वालों को लेकर समाज में क्या धारणा है, यह किसी से छिपा नहीं है। मगर, यह भी सच है कि होली हो या दीवाली, ईद या क्रिसमस, जून की तपती दोपहर हो या अगस्त की बारिश हर मौसम में चौबीसों घंटों ड्यूटी करने वाले खाकीधारियों के परिवार हैं उनकी भी जिम्मेदारियां हैं। लगातार ड्यूटी करने वाले पुलिसवालों की तकलीफों को आजकल दो बच्चे बयां कर रहे हैं। अपने पापा को पुलिसवाला बताने वाले बच्चों के हाथ में सीएम को संबोधित लंबा पत्र है। इसमें पुलिस वालों के परिवार की तकलीफों को बखूबी बयां किया गया है। यह फोटो आजकल सोशल साइट्स पर खूब वायरल हो रहा है। इसे फेसबुक से लेकर वाट्सएप तक पर शेयर किया जा रहा है।

नहीं है किसी को जानकारी

फोटो शेयर करने वालों के पास बच्चों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। यह बच्चे कहां के हैं, फोटो कब और कहां ली गई, इसका जवाब किसी के पास नहीं है। बस जिस भी पुलिस वाले के पास फोटो पहुंचता है, वह दूसरों के पास इसे भेज देता है। यह फोटो कांस्टेबल से लेकर दरोगाओं के पास पहुंच गया है।

क्या है चिट्ठी में

आदरणीय मुख्यमंत्री सर,

हम दोनों भाई बहन आपसे यह अनुरोध करते हैं कि हमारे पापा पुलिस में हैं। इसमें हमारी क्या गलती है। हमारे पापा कभी हमें समय नहीं देते। रात को जब हम सो जाते हैं तब पापा घर आते हैं और जब हम स्कूल जाते हैं तो पापा सोते रहते हैं। और बच्चों के पापा की तरह तरह हमारे पापा हमारे साथ दीपावली, होली व अन्य त्यौहार नहीं मनाते हैं। हमारे बर्थ डे के दिन भी वह ड्यूटी बताकर घर से चले जाते हैं। कभी हमें घुमाने नहीं ले जाते। हमें अच्छे स्कूल में पढ़ा नहीं पा रहे। अच्छे कपड़े दिला नहीं पाते हैं। न तो हमारे पास औरों की तरह साइकिल है, न ही कार। जब और बच्चे छुट्टियों में घूमने जाते हैं और अपनी बातों को स्कूल में बताते हैं तो हमें बहुत खराब लगता है। हमारे पापा पुलिस वाले क्यों हैं। सर हमारा यह गुनाह है कि हम पुलिस वालों के बच्चे हैं। भगवान से यह प्रार्थना करते हैं कि किसी भी बच्चे के पापा पुलिस में न हों।

प्लीज सर, आप तक हमारी बात पहुंचे तो जवाब जरूर दीजिएगा।