तीन दिन सर्वे के बाद डॉ। योगी एमडीए वीसी से मिले

बनाई पार्क के विकास की विस्तृत कार्ययोजना

Meerut। एमडीए के जोनल पार्क में पालतू जानवरों के संग मेरठ के बच्चे खेलेंगे। विश्वप्रसिद्ध पर्यावरण संरक्षक डॉ। योगी ऐरन वेदव्यासपुरी स्थित जोनल पार्क का कायाकल्प करेंगे। मंगलवार को डॉ। योगी ने एमडीए वीसी उपाध्यक्ष से मुलाकात कर पार्क के जीर्णोद्धार के बारे में विस्तृत चर्चा की। इससे पूर्व डॉ। योगी 3 दिन से वेदव्यासपुरी स्थित जोनल पार्क का सर्वे कर रहे थे।

दिए तीन सुझाव

प्राधिकरण उपाध्यक्ष साहब सिंह को मुलाकात के दौरान डॉ। योगी ने जोनल पार्क के उत्थान के लिए 3 सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि जोनल पार्क का चाइल्ड फ्रेंडली बनाया जाए। अमेरिका की तर्ज पर यहां पेट जू स्थापित किया जाए, जहां बच्चे पालतू जानवरों के साथ बेखौफ होकर खेले। पालूत कुत्ते, बिल्ली, खरगोश आदि इस जू में रहेंगे जिसके साथ बच्चे आसानी से घुलमिल सकें।

बच्चे इन पेट एनीमल को चारा भी खिला सकेंगे। डॉ। योगी ने कहा कि पार्क परिसर में सभी कंक्रीट की दीवारों और स्ट्रक्चर को हरियाली से ढंकना होगा। पार्क में आने वाले लोगों को प्रकृति का गहरा साथ यहां मिल सके, ऐसा प्रयास किया जाएगा। इसके अलावा डॉ। योगी ने सुझाव दिया कि पार्क में घने जंगल की फीलिंग पर्यटकों को हो इसके लिए बड़े हिस्से को नेचुरल लुक में ही र खा जाएगा। पार्क को इनफारमल गार्डन के तौर पर विकसित करना होगा।

जलवायु पर होगा नियंत्रण

देहरादून-मंसूरी मार्ग पर जंगल-मंगल के नाम से 5 एकड़ में इको पार्क स्थापित करके विश्वभर में पहचान बना चुके डॉ। योगी ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि मेरठ में पार्क के आसपास जलवायु को नियंत्रित करना होगा। स्प्रिंकलर्स से पौधों को पानी दिया जाएगा तो वहीं फव्वारा से पौधों को नम किया जाएगा। सड़क से पार्क का व्यू साफ हो इसके लिए आर्टीफिशियल पेड़ रास्ते में स्थापित किए जाएंगे। पक्षियों के लिए आर्टीफिशियल घोसले इन पेड़ों पर लगाए जाएंगे। गौरतलब है कि 15 हेक्टेयर में फैले इस जोनल पार्क के रखरखाव में एमडीए अब तक करीब 5 करोड़ रुपये खर्च कर चुका है।

पेशे से प्लास्टिक सर्जन हैं डॉ। योगी

एमडीए कार्यालय में बातचीत के दौरान डॉ। योगी ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट को बताया कि पेशे से प्लास्टिक सर्जन है। जानसठ के मूल निवासी डॉ। योगी का मेरठ से खासा लगाव है। उनकी पत्‍‌नी मेरठ की हैं तो उनका जन्म भी यहीं हुआ है। डॉ। योगी ने बताया कि 34 साल से लगातार प्रकृति को स्वरूप देने का कार्य वे एक कलाकार की तरह करते हैं। कमिश्नर डॉ। प्रभात कुमार के इस प्रयास में उन्होंने शहरवासियों से आगे आकर जिम्मा उठाने की अपील की।