आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस सिस्टम से लैस सैनिक

अमेरिका ने कुछ अर्सा पहले एक युद्धक नीति बनाई थी, जिसके तहत सैनिक विशेष इस तरह से तैयार किया जाता है जिससे वह लंबी मार कर सके। इसमें सैनिक आइटी, डिजीटल व आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस सिस्टम एप्लीकेशंस से लैस होता है। उसके पास लगभग सात किलो का बोझ होता है। इसमें असाल्ट राइफल के साथ 20 मिमी का ग्रेनेड लांचर भी होता है। इसे क्यूटीएस 11 सिस्टम का नाम दिया गया है। इससे लैस सैनिक के पास थर्मल इमेजर, ऑप्टो इलैक्ट्रानिकव पोजिशनिंग सिस्टम भी होता है।

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अमेरिका खुद छोड़ चुका है युद्ध का यह तरीका

अमेरिका ने इस युद्धक तरीके को इजाद किया था, लेकिन बाद में वह खुद इसके इस्तेमाल से पीछे हट गया। उसकी शोध टीम का मानना था कि बोझ ज्यादा होने की वजह से यह व्यवस्था बहुत ज्यादा कारगर नहीं होने वाली। हालांकि चीन इस सिस्टम को कारगर मानता है। चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) में इन्हें स्काई वोल्फ कमांडो भी कहा जाता है।

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मारक क्षमता इस्तेमाल पर करती है निर्भर

वेस्टर्न थिएटर कमांड में इन्हें तैनात किया गया है। यह सेना की वह विंग है जो 3488 किमी लंबी भारतीय सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखती है। चीनी सेना के विशेषज्ञ सांग झोनपिंग का कहना है कि सिस्टम की मारक क्षमता इस बात पर निर्भर करती है कि इसे कैसे इस्तेमाल किया जाता है।

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