इस साल के शानदर प्रदर्शन करने वाले चीन के बाजार में आज इस साल की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है. चीन के प्रमुख बाजार 6.5 फीसदी तक टूट गए है. इधर देश में बंबई स्टॉमक एक्सचेंज का सेंसेक्स आज शुरुआती कारोबार में 32 अंक की बढ़त के साथ 27,596 अंकों पर कारोबार करता दिखा. मामूली बढ़त के साथ खुले सेंसेक्स  की चाल काफी सुस्त  है.

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी शुरुआती कारोबार में आठ अंकों की तेजी के साथ कारोबार कर रहा है. निफ्टी 8,343 अंकों पर कारोबार कर रहा है. मिडकैप और स्मॉलकैप के शेयरों में भी मामूली बढत देखने को मिल रही है. मिडकैप के शेयर 20 अंक चढे है, जबकि स्मॉलकैप के शेयर 29 अंकों की तेजी पर कारोबार कर रहे हैं. कल बुधवार को तीन दिनों की गिरावट के बाद सेंसेक्स  में सुधार हुआ था. बाजार में पिछले दो दिन से जारी गिरावट पर बुधवार को विराम लगा और 33 अंक सुधरकर 27,564.66 अंक पर बंद हुआ.

नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद के बीच बैंक शेयरों में तेजी से बाजार में मजबूती आई. हालांकि कंपनियों वित्तीय नतीजे बेहतर नहीं होने से वाहन तथा प्रौद्योगिकी कंपनियों के शेयरों में गिरावट दर्ज की गयी. सेंसेक्स में कारोबार के लगभग पूरे समय गिरावट रही लेकिन बाद में डेरिवेटिव्स खंड में माह समाप्त होने से पहले से तेज लिवाली से सूचकांक मजबूत हुआ.

दूसरी तरफ मार्केट एक्सपर्ट कहते है कि चीन के बाजारों में गिरावट की बड़ी वजह ब्रोकर्स के मार्जिन्स नियमों में सख्ती है. अगले महीने जो बड़े आईपीओ आने वाले उनसे पहले निवेशकों ने भारी मुनाफा वसूली की है. ताकि आईपीओ में निवेश किया जा सके. चीन में गिरावट का सबसे ज्यादा असर मेटल इंडेक्स पर है. मेटल इंडेक्स एक फीसदी से ज्यादा गिर गया है.

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