चांद पर इंसान भेजने को चीन ने कसी कमर

क्या है इसका प्रॉसेस?

चीनी वैज्ञानिकों ने इस परीक्षण को यूगोंग-365 नाम दिया है। बुधवार से इस प्रयोग की शुरुआत की गई। पहले चरण में दो महिला और दो पुरुष 60 दिन तक इसमें रहेंगे। इसके बाद दो-दो महिलाओं और पुरुषों का दूसरा समूह इसमें 200 दिन बिताएगा। अंत में पहले समूह को फिर 105 दिन इसमें बिताना होगा। चीन का चांद जैसे वातावरण में बायोरीजेनेरेटिव लाइफ सपोर्ट सिस्टम (बीएलएसएस) के काम के तरीके को परखने के लिए यह दूसरा प्रयास है। पहले 105 दिन का परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया जा चुका है। बीएलएसएस वह व्यवस्था है, जिसमें जीव, पौधे और सूक्ष्मजीव साथ रहते हैं। इस व्यवस्था में भोजन और पानी को रिसाइकिल करते हुए धरती जैसा वातावरण बनाया जाता है।

चांद पर इंसान भेजने को चीन ने कसी कमर

फिर चांद का रुख करेगा अमेरिका

मंगल पर मानव भेजने से पहले अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा चांद संबंधी अपने अभियान को गति देगी। नासा 2027 में मानव युक्त चंद्रयान भेजेगी। इसके बाद 2030 के दशक में मंगल पर मानव भेजने की तैयारी में है। नासा के ग्रेग विलियम्स ने कहा कि चंद्रमा को मंगल अभियान के लिए लांचिंग प्वाइंट की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है। विलियम्स ने वाशिंगटन डीसी में सम्मेलन के दौरान मंगल पर मानव भेजने के अभियान के दो चरणों का विस्तृत ब्योरा दिया। चांद के सालभर में कुल पांच अभियान शामिल होंगे। इनमें से चार मानवयुक्त होंगे। इनमें विभिन्न जरूरी सामान भी चांद पर भेजे जाएंगे। अंतिम चरण में सुदूर अंतरिक्ष में जाने योग्य यान होगा, जो लोगों को मंगल पर लेकर जाएगा। नासा का मानना है कि चंद्रमा के निकट सालभर के इस अभियान से मंगल तक आने-जाने के 1,000 दिन के मिशन से जुड़ी बहुत सी जानकारियां मिल सकेंगी।

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