- पंडित जी के अनुसार पीली मिट्टी से बनी मूर्ती का ही पूजन मंगलकारी

PATNA: दीपावली का बाजार सज चुका है। त्योहारी खुमारी में पूरा शहर डूबा हुआ है। दीपावली से एक दिन पहले पटनाइट्स पूजन सामग्री को खरीदने में बिजी दिखे। मूर्ति, पान-फूल, चुनरी, दिया, तोरण आदि की जमकर खरीददारी हो रही है। बाजार में चायनीज गणेश और लक्ष्मी की मूर्ती भी बिक रही हैं, लेकिन पंडितों की मानें, तो चाइनीज मूर्ती की पूजन करने से गणेश लक्ष्मी प्रसन्न नहीं होंगी। यह मंगलकारी नहीं होगा।

धातु से बनी मूर्ति को पूजें

पंडित शशिधर पाठक की मानें, तो चाइनीज मूर्तियों का पूजन मंगलकारी नहीं होगा। इससे देवी प्रसन्न नहीं होंगी। उन्होंने कहा कि पीली मिट्टी से बनी मूर्ती का ही पूजन करें। अगर मिट्टी की मूर्ती नहीं मिलती है, तो धातू जैसे सोना, चांदी, कांसा, पीतल आदि की मूर्ती की पूजा करें। फाइबर, प्लास्टिक या फिर मार्बल से बनी की मूर्ती की पूजा नहीं करने की सलाह दी जाती है। चाइनीज मूर्ती प्लास्टर ऑफ पेरिस के साथ-साथ अन्य वस्तुओं से बनती है, जो पूजन के लिए शुभ नहीं होता है।

डिमांड बढ़ी चाइनीज मूर्तियों की

दुकानदारों की मानें, तो चाइनीज मूर्तियों की डिमांड हाल के कुछ सालों में बढ़ी है। यह मूर्तियां प्लास्टिक ऑफ पेरिस की बनी होती है। इस वजह से इसकी फिनिशिंग अच्छी होती है, दिखने में सुंदर लगता है। शॉपिंग करने आयी रंजना ने बताया कि चाइनीज मूर्तियां अच्छी तो लगती हैं, लेकिन उससे श्रद्धा जैसी फीलिंग नहीं आती है। यह मूर्तियां हर रेंज में आती है। पचास रुपए में भी मिल जाती हैं।

कुबेर की भी पूजा अवश्य करें

पूजन सामग्री के दुकानों पर कुबेर की पोटली भी मिलती है। लक्ष्मी गणेश की पूजा के साथ साथ इसकी भी पूजा करें और इसे अपनी तिजोरी में रखें। यह फलदायी होता है। कई पंडितों का कहना है कि अगर धातु या मिट्टी की मूर्ती नहीं मिली तो आप गोबर के गणेश लक्ष्मी बनाकर भी पूजा कर सकते हैं। एक विकल्प यह भी है कि आप सुपारी को गणेश और हल्दी को लक्ष्मी मानकर पूजा कर सकते हैं।

इनका रखें ख्याल

-चाइनीज मूर्तियों की पूजा नहीं करें।

-कोशिश करें कि मूर्ति मिट्टी का ही हो।

-अगर मिट्टी का नहीं मिले, तो धातु की मूर्तियों की पूजा करें।

-सुपारी को गणेश और हल्दी को लक्ष्मी मानकर भी पूजा कर सकते हैं।

-कुबेर की भी पूजा अवश्य करें।

यह तो भक्ति व श्रद्धा की बात है। चाइनीज की मूर्तियों से भक्ति भाव कहां उमड़ता है। यह तो सजावट की वस्तु है। पूजा तभी शुभ होगी, जब आप मिट्टी या फिर धातु से बनी मूर्ती की पूजा करेंगे।

पंडित शशिधर पाठक