-शहर के एक दर्जन से अधिक पेट्रोल पंपों पर चिप से हो रही थी चोरी

-डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन के एक्टिव होने के बाद हटाई गई है नोजल से चिप

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सिगरा स्थित भारत पेट्रोलियम के गोपीराम श्याम सुंदर पेट्रोल पंप पर मिला इलेक्ट्रॉनिक चिप यह बताने के लिए काफी है कि यहां लंबे समय से पब्लिक की गाढ़ी कमाई लूटी जा रही थी। तीन मशीनों के कुल 16 नोजल में से आठ नोजल में छेड़छाड़ की कम्प्लेन साफ इशारा कर रही थी कि चिप से इनका भी पाला पड़ा था। खुद पंप कर्मियों को भी इस बात का पता नहीं था कि दस-पंद्रह दिन से बंद मशीन का भी छापेमारी टीम जांच करेगी। एक नोजल में चिप और सात में छेड़छाड़ पकड़ में आने के बाद यह अंदाजा लगाना कत्तई गलत नहीं होगा कि तेल के सौदागरों ने पब्लिक की करोड़ों रुपये की कमाई चिप से उड़ाई। यही नहीं, शहर के लगभग एक दर्जन से अधिक पंपों पर चिप के जरिए तेल में खेल हो रहा था। यह और बात है कि डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन के एक्टिव होने के बाद पंप संचालकों ने चोरी का धंधा फिलहाल बंद कर दिया है।

यहां पकड़ी गई है गड़बड़ी

लखनऊ में 27 अप्रैल से पेट्रोल पंपों पर सिलसिलेवार इलेक्ट्रॉनिक चिप व रिमोट मिलने के बाद सूबे भर के पेट्रोल पंपों पर चेकिंग अभियान युद्धस्तर पर शुरू हुआ है। तेल में खेल का खुलासा होने के बाद आनन-फानन में बनारस के लगभग सभी पेट्रोल पंपों पर छापेमारी जारी है। हाल ही में लहुराबीर, मलदहिया और हाईवे के एक पेट्रोल पंप के नोजल में गड़बडि़यां पकड़ी गई है। इसके अलावा प्रशासन, एसटीएफ, आपूर्ति विभाग और बाट-माप की संयुक्त टीम हर दिन पेट्रोल पंपों पर छापेमारी कर रही है। टीम ने विभिन्न पेट्रोलियम कंपनियों के लगभग आधा दर्जन से अधिक पंपों पर गड़बड़ी पकड़ी है।

बनारस का लखनऊ कनेक्शन

इलेक्ट्रॉनिक चिप के मास्टरमाइंड की तलाश तेज हो गई है। मामले की जांच कर रही एसटीएफ को कानपुर और लखनऊ में मास्टरमाइंड की भनक लगी है। एसटीएफ को अनुमान है कि बनारस के गोपीराम श्याम सुंदर पेट्रोल पंप पर मिले चिप का कनेक्शन कानपुर व लखनऊ से ही है। लखनऊ में पकड़े गए एक मास्टरमाइंड ने एसटीएफ को यह बयान भी दिया है कि सूबे के कई जिलों में मुंह मांगी रकम पर पेट्रोल पंपों पर इलेक्ट्रॉनिक चिप मुहैया कराई गई है। जिनकी संख्या एक दर्जन से अधिक है।

कैंसिल होगी एजेंसी

सिगरा के गोपीराम श्याम सुंदर पेट्रोल पंप को सील कर इलेक्ट्रॉनिक चिप को जांच के लिए लखनऊ लैब भेजा गया है। जिसकी एक रिपोर्ट शासन को भी भेजी गई है। लैब से मिलने वाली रिपोर्ट में यदि गड़बड़ी सही साबित हुई तो शासन की ओर से भारत पेट्रोलियम को लेटर लिखकर पेट्रोल पंप का लाइसेंस कैंसिल करने पर बल दिया जाएगा। विभागीय अधिकारियों की मानें तो एक लीटर में 40 एमएल या 60 एमएल की चोरी हो रही थी यह रिपोर्ट पर भी डिपेंड करेगा।