-दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की 'चिरागों की तलाश' मुहिम से लगा गुमशुदा किशोर का सुराग

-बिहार के दरभंगा से शहर लाने के बाद सीडब्ल्यूसी ने ट्यूजडे पिता को सौंपा किशोर

BAREILLY:

पांच वर्ष पहले गुमशुदा 12 वर्षीय किशोर को सीडब्ल्यूसी ने ट्यूजडे जब उसके पिता की गोंद में सौंपा, तो पिता-पुत्र फफक कर रो पड़े। दोनों की आंखों और चेहरे पर इतने वर्षो से बिछड़े रहने का दर्द भी दिख रहा था। मुजाहिद के पिता ने कहा कि मैं बेटे के मिलने की उम्मीद छोड़ चुका था। भला हो दैनिक जागरण आईनेक्स्ट का, जिसने मुझे मेरे बेटे से मिला दिया। इसके लिए मैं और मेरा परिवार आपका सदैव आभारी रहेगा।

ऐसे लगा सुराग

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की 'चिरागों की तलाश' मुहिम में चाइल्ड लाइन के काउंसलर रमनजीत सिंह ने भी सहयोग किया। उन्होंने शेल्टर होम, ओपन शेल्टर होम और चाइल्ड लाइन के लिए काम करने वाले डिस्ट्रिक्ट के साथ दूसरे प्रदेशों के एनजीओ का एक ग्रुप बनाकर जोड़ लिया। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट में पब्लिश होने वाली न्यूज को ग्रुप में भेजकर सभी से गुमशुदा बच्चों की तलाश के लिए मदद मांगी। व्हाट्सएप ग्रुप में फोटो सहित न्यूज देख शेल्टर होम दरभंगा बिहार से इंचार्ज ने फोन पर बताया कि गुमशुदा उनके पास शेल्टर होम में है। जिसके बाद उसके मां-बाप ने फोन पर बात की और उसे वापस लाने की कवायद शुरू हुई।

बाजार से हो गया था गुम

सुभाषनगर थाना के गांव चौबारी निवासी मुन्ने अली ने बताया कि वह करीब चार साल पहले ही फरीदपुर के मोहल्ला मिर्धान बीसलपुर रोड पर परिवार के साथ रहने लगे। परिवार में पत्नी शहाना, तीन बेटे और एक बेटी गुलबहार है। गुमशुदा की मां शहाना ने बताया कि उनका बेटा मुजाहिद 12 वर्ष बाजार से गुमशुदा हो गया था। मुजाहिद के पिता ने परेशान होकर थाने में गुमशुदगी दर्ज करा दी, लेकिन उससे भी कोई फायदा नहीं हुआ।