RANCHI: हाइकोर्ट ने झारखंड पुलिस को अयोग्य मानते हुए चिटफंड फर्जीवाड़े के ख्क्फ् मामलों की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया है। शुक्रवार को चीफ जस्टिस पीके मोहंती व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने यह आदेश दिया। वे चिटफंड कंपनियों की हजारों निवेशकों से की गई अरबों रुपए हड़पने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। कोर्ट ने राज्य में दर्ज ख्क्फ् मामलों की जांच की जिम्मेवारी सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया है।

दोषियों के खिलाफ चले ट्रायल

हाई कोर्ट ने पाया कि इन मामलों की जांच में झारखंड पुलिस सक्षम नहीं है। कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि धोखाधड़ी करनेवाली चिटफंड कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई जरूरी है। दोषियों के खिलाफ ट्रायल चलना चाहिए। निवेशकों के डूबे पैसे कैसे वापस हों, इसका भी हल खोजने की जरूरत है। पूर्व में भी चिटफंड कंपनियों के खिलाफ दर्ज एक दर्जन मामले सीबीआइ को सौंपे गए थे, जिनकी जांच चल रही है।

अरबों हड़पने का मामला

प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता ने पक्ष रखते हुए बताया कि चिटफंड कंपनियों ने उनके माध्यम से अरबों रुपए जमा कराए और राशि हड़प गए। निवेशक अभिकर्ताओं को खोज रहे हैं। उन्हें परेशान किया जा रहा है, जबकि इस धोखाधड़ी में उनकी कोई भूमिका नहीं है। पूरे मामले की सीबीआइ से जांच कराने का आग्रह किया गया। मालूम हो कि प्रार्थी झारखंड अभिकर्ता संघ व अन्य की ओर से जनहित याचिका दायर की गई थी।