मोसियो मार्टिन ने बनवाया
हरदोई रोड के किनारे हवेली नुमा मूसाबाग का निर्माण नवाब आसिफउद्दौला के लिए मोसियो मार्टिन ने बनवाया था. 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में यह हवेली अंग्रेजों और भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के बीच हुई गोलीबारी में ध्वस्त हो गयी. इस हवेली के पीछे के ओर एक क्रिश्चियन की कब्र है. कब्र पर लगे पत्थर पर लिखे शब्दों पर यकीन करें तो पता चलता है कि यह कब्र कैप्टन फ्रेडरिक वेल की है. जो एक लड़ाई के दौरान 21 मार्च 1858 को मारे गये थे. यहां हर गुरूवार को भीड़ लगती है. लोग सिगरेट लेकर आते हैं और सिगरेट जला कर मजार पर चढ़ाते हैं और दुआएं मांगते हैं.

पूरी होती है मुराद तो इस मजार पर चढ़ाते हैं सिगरेट

क्यों होता है सिगरेट का चढ़ावा
यहां आने वालों में किसी धर्म की बंदिश नहीं है. इस क्रिश्चियन की मजार पर हिंदू भी आता है और मुसलमान भी. 25 दिसम्बर को यहां बड़ी संख्या में क्रिश्चियन कम्युनिटी के लोग आते हैं और सिगरेट के साथ मजार पर शराब की बोतल भी चढ़ाते हैं. ऐसा माना जाता है कि कैप्टन फ्रेडरिक वेल को सिगरेट और शराब अधिक पसंद थी. इस लिए इन दो चीजों का खास चढ़ावा चढ़ाया जाता है. वहीं मजार पर आने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि उनकी मन्नतें पूरी होती हैं इस लिए वह यहां हर थर्सडे को आते हैं.
पूरी होती है मुराद तो इस मजार पर चढ़ाते हैं सिगरेट
यहां हर मन्नत पूरी होती है
बरी कला के अशोक की शादी एक दिन पहले हुई है. वह इस मजार पर अपनी वाइफ को लेकर आये थे. अशोक का कहना था कि यहां की हर मन्नतें पूरी होती हैं इस लिए वह यहां आये हैं. उनके खानदान में जो भी शादियां हुई हैं सभी पहले यहीं आते हैं. काकोरी की रहने वाली खुशनुमा को यहां आकर खुशी मिलती है. इसी लिए वह हर थर्सडे को यहां आती हैं. खुशनुमा का कहना है कि उनके हसबैंड आर्मी में हैं और खुशनुमा एक समाज सेविका हैं जो पुलिस से पडऩे वालों कामों में लोगों की मदद करती हैं.
पूरी होती है मुराद तो इस मजार पर चढ़ाते हैं सिगरेट
कब से शुरू हो गयी कैप्टन की पूजा

इस बारे में कोई भी नहीं जानता कि एक अंग्रेज की कब्र पर पूजा कब और कैसे शुरु हो गई. इस बारे में यहां आने वाले लोगों से बात की गयी तो बताया गया कि उनके पूर्वज यहां आते थे इस लिए वह भी यहां आते हैं. वहीं कुछ लोगों का मानना है कि यह मजार कैप्टन एफ वेल की है. क्योंकि एक सिगरेट ब्रांड का नाम भी कैप्टन है. तो हो सकता है कि यह उसी वजह से यहां सिगरेट का चढ़ावा चढ़ाया जाने लगा हो.



किसी को दी रोटी और किसी को मकान
सिगरेट बाबा पर आस्था रखने वाले बरीकला के हनुमान का कहना है कि यहां सभी की मन्नतें पूरी होती हैं. मैं यहां बचपन से आ रहा हूं. पहले घर में खाने के लाले पड़े होते थे अब काफी बेहतर है. यहीं से मुझे रोटी मिली और मकान मिला. यहां आये सिद्धार्थ का कहना है कि उनकी प्रॉपर्टी नहीं बिक रही थी उसी की अर्जी लगाने सिगरेट बाबा के दरबार में आया हूं.

लखनऊ से कैमरामैन आशीष पांडेय के साथ यासिर रजा inextlive के लिए.

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