PATNA : घोड़ासहन ट्रैक कांड व कानपुर रेल हादसे की जांच में जुटी एनआइए के सूत्रों ने पहली बार बड़े खुलासे का संकेत दिया है। जांच टीम को ये प्रमाण मिला है कि जिस आइईडी का प्रयोग घोड़ासहन में किया गया, उसका निर्माण आइएसआइ के खास गुर्गे उमाशंकर पटेल उर्फ राजू ने किया था और रंजय साह ने उसका साथ दिया। दोनों दंगल म्यूजिक कंपनी के दफ्तर में आइईडी बनाकर बड़े रेल हादसे का प्लान किया था। दोनों बदमाशों ने इसे कबूला है।

- पौधे के सहारे लगाई थी आइईडी

एनआईए के खुलासे पर गौर करें तो पूछताछ में दोनों बदमाशों ने कई बड़ा खुलासा किया है। दोनों पौधों के सहारे आइईडी लगाई थी। सूत्रों का कहना है कि राजू व रंजय में बहुत मधुर संबंध था। विस्फोट की साजिश हुई तो उमाशंकर ने ही रंजय को साथ लिया। उन्होंने एक अक्टूबर ख्0क्म् को घोड़ासहन में रेल ट्रैक पर विस्फोट के लिए आइईडी प्लांट किया। दोनों एक साथ ट्रैक पर गए और पौधे के सहारे ट्रैक पर आइईडी लगा दी।

- दंगल म्यूजिक का ढूढा जा रहा तार

'दंगल म्यूजिक' के दफ्तर बम बनाने का खुलासा हुआ है। आइएसआइ के इशारे पर काम कर रहे लोगों ने 'दंगल म्यूजिक' के दफ्तर को अपना केंद्र बनाया था। वहां सभी जमा होते थे। आइईडी भी इसी दफ्तर में तैयार किया गया था। जांच प्रभावित न हो, इस कारण से अभी इस म्यूजिक कंपनी के पता का खुलासा नहीं किया गया है। फिलहाल टीम उमाशंकर और रंजय के साथ सभी संबंधित लोगों व उनके ठिकानों की पड़ताल कर रही है।

- बिहार पुलिस की रिपोर्ट से गृह मंत्रालय में हलचल

बिहार पुलिस की तरफ से बताया गया था कि आदापुर थाने में क्ब् जनवरी ख्0क्7 को दर्ज हत्याकांड की कार्रवाई में तीन लोग क्रमश: मोतीलाल पासवान, मुकेश यादव व उमाशंकर पटेल को गिरफ्तार किया गया। तीनों ने कानपुर रेल हादसे व घोड़ासहन कांड में संलिप्तता स्वीकारी है। इसके अलावा गिरोह के अन्य लोगों के नामों का खुलासा भी किया। इस रिपोर्ट के बाद एनआइए की टीम सक्रिय हो गई। गृह मंत्रालय को जैसे ही बिहार पुलिस की रिपोर्ट मिली तो ख्ब् जनवरी ख्0क्7 को एनआइए को खास निर्देश देकर जांच में लगा दिया गया। इसके मद्देनजर दिल्ली स्थित एनआइए थाने में ख्भ् जनवरी ख्0क्7 को मामला दर्ज हुआ और जांच ने तेजी पकड़ ली।